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लेखिकाओं ने एक स्वर स्त्रियों की स्थिति पर सुनाये गीत, गजलें और कहानियां

Lucknow News - जनवादी लेखक संघ द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में कई लेखिकाओं ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। आभा खरे ने गज़लें सुनाईं, जबकि विभूति तिवारी, उपासना झा, विपिन चौधरी और योगिता यादव ने गीत और कहानियाँ...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊSun, 12 Oct 2025 08:09 PM
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लेखिकाओं ने एक स्वर स्त्रियों की स्थिति पर सुनाये गीत, गजलें और कहानियां

जनवादी लेखक संघ की ओर से आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के अन्तर्गत रविवार को रच रहीं हैं वे कार्यक्रम के दूसरे संस्करण का आयोजन किया गया । कैफी आजमी अकादमी के सभागार में हुए कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों से आयीं लेखिकाओं को पुस्तक भेंट की गई। इसके बाद लेखिकाओं ने काव्य रचनाएं प्रस्तुत की। कार्यक्रम के आरंभ में आभा खरे ने अपने गजलें सुनाईं । आभा ने जो पूछी वजह उनसे धांधली की, न सूझा कुछ तो हकलाने लगे गजल को सुनाकर तालियां अर्जित की। उनकी गज़लों में वर्तमान समय के हालात ,स्त्रियों की स्थिति और राजनीतिक परिदृश्य की झलक देखने को मिली।

मध्य प्रदेश के शहडोल से आयी विभूति तिवारी ने अपने गीत एक टूटा फूटा घर बूढ़ा हाथों में जाने वाला है, ये पुरखों की शेष निशानी है कोई और हड़पने वाला है को सुनाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। इसके साथ ही उन्होंने प्रेम ,बसंत ,प्रकृति ,और वर्तमान समय और समाज पर सुंदर और सुरीले गीत सुनाए । बिहार समस्तीपुर से आयी उपासना झा ने प्रेमिका , महामाया , भीड़तंत्र , मुनमुन के लिए , रोना , जमाई पूजन , बनारस क्या शहर है बस , चरित्रहीन स्त्रियां आदि कविताएं सुनाईं । हरियाणा से आयी कवियत्री विपिन चौधरी ने छूना , ठहरना , कह दो नहीं जाता , स्मृति में ध्वनि, अब और नहीं , जिया कैसे जाए , नदारद पानी आदि कविताएं सुनाईं। दिल्ली से आयीं कहानीकार योगिता यादव ने अपनी कहानी दस माशे की दुनिया को सुनाया । कहानी के पात्र सोहराब और गुल्की के माध्यम से योगिता ने डोगरी समाज का चित्रण किया । कहानी की भाषा में उस समाज की भाषा और संस्कृति की झलक देखने को मिली। इलाहाबाद से आयीं कहानीकार कविता ने अपनी कहानी स्वेटर के माध्यम से स्वेटर बुनने वाली स्त्रियों , मुहल्लों में रहने वाली स्त्रियों और ऊन के माध्यम से स्त्री जीवन के सम्बन्धों, स्थितियों और संघर्षों का चित्रण किया । नाइश हसन के संचालन में हुए कार्यक्रम में जलेस लखनऊ की इकाई सचिव शालिनी सिंह, सदस्य शालू शुक्ला, आलोचक आरती समेत अन्य मौजूद रहे।