Hindi NewsUttar-pradesh NewsLucknow NewsLack of Waste Management in Lucknow Residents Face Health Risks Amidst Growing Garbage Piles
जुर्माने के बाद भी आशियाना-एलडीए में नहीं उठा कूड़ा

जुर्माने के बाद भी आशियाना-एलडीए में नहीं उठा कूड़ा

संक्षेप: Lucknow News - लखनऊ की सफाई व्यवस्था फिर से चरमरा गई है। नगर निगम ने ठेकेदार कंपनी पर 5 लाख का जुर्माना लगाया, लेकिन आशियाना, कृष्णानगर और सरोजनीनगर में कचरा उठाने की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। स्थानीय निवासियों...

Sun, 31 Aug 2025 06:54 PMNewswrap हिन्दुस्तान, लखनऊ
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हिन्दुस्तान पड़ताल गली-मोहल्लों से लेकर प्रमुख चौराहों पर कचरे का ढेर, सड़क पर नहीं लगी झाड़ू लखनऊ। प्रमुख संवाददाता राजधानी की सफाई व्यवस्था फिर चरमरा गई है। नगर निगम द्वारा ठेकेदार कंपनी पर पांच लाख का जुर्माना ठोंकने के बावजूद आशियाना, कृष्णानगर और सरोजनीनगर क्षेत्र में कूड़ा उठाने की स्थिति जस की तस बनी हुई है। न घरों से कूड़ा उठा, न सड़कों पर झाड़ू लगी। गली-मोहल्लों से लेकर प्रमुख चौराहों तक कचरे का अंबार जस का तस पड़ा है। जगह-जगह कचरे का ढेर अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार राव ने 30 अगस्त को आशियाना एलडीए कॉलोनी का निरीक्षण किया था।

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निरीक्षण में घर-घर से कूड़ा कलेक्शन से लेकर पड़ाव स्थलों तक हर जगह गंदगी मिली। सड़कों पर झाड़ू तक नहीं लगी थी। इस पर उन्होंने ठेकेदार कंपनी लायंस इनवायरों प्राइवेट लिमिटेड पर 5 लाख का जुर्माना लगाया था। लेकिन हैरानी की बात यह है कि जुर्माना लगाए जाने के दूसरे ही दिन हालात में कोई सुधार नहीं दिखा। क्षेत्र की अधिकांश गलियों और चौराहों पर गंदगी का अंबार जस का तस है। यहां मिला कूड़े के ढेर -बाराबिरवा सब्जी मंडी के पास एक दिन पहले उठाया गया कचरा सड़क पर बिखरा ही पड़ा रहा। -पकरी का पुल सेक्टर-एच की ओर खाली प्लॉट कूड़े से पटा हुआ मिला। - स्काई हिल्टन रोड पर मोड़ के पास भी कचरा पड़ा रहा। - सेक्टर-आई और सेक्टर-जे के बीच डिवाइडर पर डंप कचरा जस का तस है। - खजाना चौराहा से स्मृति उपवन चौराहा तक सड़कों पर गंदगी फैली रही। - चांसलर क्लब के बगल में ही रोड पर कूड़े का पहाड़ पड़ा हुआ था। - सेक्टर-एल में भी यही हाल रहा। यहां भी कोने पर खाली प्लॉट कचरे से पटे मिले। विधायक की शिकायत भी बेअसर सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने बीते बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर राजधानी की बदहाल सफाई व्यवस्था और ट्रैफिक जाम की स्थिति का विस्तृत ब्योरा सौंपा था। उन्होंने पत्र के जरिए नगर निगम और नगर विकास विभाग की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा किया था। बावजूद इसके, अब तक क्षेत्र की हालत नहीं सुधरी है। स्वास्थ्य संकट का खतरा स्थानीय निवासियों का कहना है कि गंदगी के कारण मच्छर, दुर्गंध और बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। डेंगू और मलेरिया के मौसम में कचरे का ढेर लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा खतरा बन गया है। नगर निगम के पर्यावरण अभियंता संजय प्रधान का कहना है कि सफाई व्यवस्था में लगातार सुधार किया जा रहा है। लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर 5 लाख के जुर्माने के बाद भी कंपनी सुधरने को तैयार नहीं, तो नगर निगम आगे उसे हटाने की कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।