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डिजीटल इंडिया में एनटीईएस पर ट्रेनों की जानकारी का अभाव, परेशानी

Lack of knowledge of trains on NTES in Digital India, trouble

डिजीटल इंडिया में एनटीईएस पर ट्रेनों की जानकारी का अभाव, परेशानी
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊTue, 15 Oct 2019 08:00 PM
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केस-1 बीते 13 अक्तूबर को फरक्का एक्सप्रेस कानपुर तक चली। ट्रेन कानपुर से दिल्ली के बीच निरस्त थी। 11 अक्तूबर शाम को हेडक्वार्टर से इसकी सूचना आई। लेकिन, तत्काल खुलते ही यात्रियों ने लखनऊ से दिल्ली जाने के लिए टिकट करा लिए। ट्रेन 13 को निरस्त थी, लेकिन एनटीईएस पर यह सूचना अपडेट नहीं हुई। इसके चलते यात्रियों को ट्रेन निरस्त होने के एसएमएस भी नहीं पहुंचे। यात्री चारबाग पहुंच गए और हंगामा किया। केस-2बीते तीन अक्तूबर को मुम्बई से लखनऊ ट्रेन की जानकारी एनटीईएस पर अपडेट नहीं हुई। ट्रेन दो अक्तूबर को मुम्बई से चली। ट्रेन 02107 स्पेशल बनाकर रवाना होनी थी। लेकिन ट्रेन 82017 सुविधा बनाकर चली। ट्रेन लखनऊ पहुंच गई। लेकिन, एनटीईएस पर स्पेशल का पता चला न सुविधा का। वापसी में लखनऊ से इसकी जानकारी अपडेट हुई। एक साल पहले भी मुम्बई स्पेशल ट्रेन की जानकारी अपडेट न होने पर लखनऊ से केवल सात यात्री रवाना हुए थे। केस-3गोरखपुर से मुम्बई जाने वाली गोरखपुर-बांद्रा टर्मिनस एक्सप्रेस 21 दिसंबर 2016 को शुरू हुई। बीते 18 सितंबर तक यह ट्रेन एनटीईएस पर अपडेट ही नहीं थी। जबकि ट्रेन का संचालन तीन सालों तक होता रहा। शिकायत के बाद ट्रेन की जानकारी एनटीईएस पर भरी गई। केस-4बीते 13 अक्तूबर गोरखधाम, आम्रपाली और बिहार संपर्कक्रांति एक्सप्रेस के लखनऊ से रवाना होने की सूचना आई। ट्रेन टूंडला स्टेशन पर मरम्मत कार्य के चलते बुढ़वल से सीतापुर होकर चल रही थी। लेकिन ये सूचना एनटीईएस पर अपडेट नहीं हुई। सैकड़ों यात्री 14 अक्तूबर को ट्रेन के लिए सीतापुर पहुंच गए। जबकि, बुढ़वल से ट्रेन को बाराबंकी न लाकर उल्टा सीतापुर होकर गुजारा गया। लखनऊ। निज संवाददाता पूरा भारत डिजीटल इंडिया की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। परिवहन का सबसे बड़ा, सस्ता और सुगम साधन रेलवे डिजीटल इंडिया में फिसड्डी बना हुआ है। 139 पूछताछ पर यात्रियों को जानकारी नहीं मिल पा रही है। पहले यह सुविधा यात्रियों के लिए फ्री भी थी। लेकिन, अब इसमें कॉल करने पर यात्रियों को पैसे खर्चने पड़ते हैं। ऐसे में मंडल कार्यालयों में कंट्रोल ऑफिस खत्म हो जाने के बाद ट्रेनों की किसी भी तरह की जानकारी का एकमात्र साधन एनटीईएस (नेशनल ट्रेन इन्क्वायरी सिस्टम) ही बचा है। यहीं से दूसरे मोबाइल एप भी जानकारियां देते हैं और तभी यात्री घरों से निकलते हैं। लेकिन, एनटीईएस पर समय से जानकारियां अपडेट न हो पाने से यात्रियों की मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। प्लेटफॉर्म की जानकारी तक रहती है गायब एनटीईएस पर प्लेटफॉर्म की जानकारी भी भरनी होती है। कुछेक ट्रेनों को छोड़ दें तो लखनऊ मंडल से गुजरने वाली सभी ट्रेनों के प्लेटफॉर्म की जानकारी तक एनटीईएस पर नहीं मिलती। ऐसे में यात्रियों को स्टेशन पर बने पूछताछ कार्यालय पहुंचकर जानकारी करनी पड़ रही है। मसलन, यात्रियों को ऑनलाइन सिस्टम का कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है।

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