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चमत्कार की आस में मत बैठो,क्यौकि चमत्कार तुम्हारे भीतर है...

लखनऊ। निज संवाददाता ‘कबीर मात्र एक संत या कवि नहीं बल्कि युग-प्रवर्तक व युग दृष्टा भी थे। उन्होनें हीन भावना से ग्रस्त उस समाज को आत्म-संम्मान को बोध कराया जो खुद को हेय समझकर अपने साथ होने वाले...

चमत्कार की आस में मत बैठो,क्यौकि चमत्कार तुम्हारे भीतर है...
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊFri, 09 Jun 2017 09:21 PM
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लखनऊ। निज संवाददाता ‘कबीर मात्र एक संत या कवि नहीं बल्कि युग-प्रवर्तक व युग दृष्टा भी थे। उन्होनें हीन भावना से ग्रस्त उस समाज को आत्म-संम्मान को बोध कराया जो खुद को हेय समझकर अपने साथ होने वाले सामाजिक,धार्मिक और आर्थिक शोषण को अपनी नियति मान बैठा था। यह सार नाटक ‘कबीर...एक जीवन का था जो कि पं दीनदयाल उपाघ्याय जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में संस्कृति विभाग उ0प्र0 की ओर से शुक्रवार को स्थानीय राय उमानाथ बली प्रेक्षाग्रह में ‘कबीर उत्सव के अन्तर्गत आयोजित किया गया था। नाटक में कबीर की मुख्य भूमिका में अभिषेक सिंह ने सटीक अभिनय किया। गीत संगीत से युक्त इस नाटक का निर्देशन अंशु टण्डन ने किया । इससे पूर्व उत्सव की शुरूआत मुख्य अतिथि के रूप में पधारे मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने द्वीप प्रज्वलन से की। साथ ही अध्यक्ष,संस्कृत विभाग,लविवि प्रो ओम प्रकाश पाण्डेय ने बाद कबीर दर्शन पर व्याख्यान भी दिया।

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