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जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार ने ली 3 मरीजों की जान

केजीएमयू में रविवार को जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार ने तीन मरीजों की जान ले ली। उधर बलरामपुर अस्पताल में भी बेड फुल हो गए। कई मरीजों को इलाज नहीं मिल सका। केजीएमयू सीएमएस डॉ एसएन शंखवार व डॉ...

जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार ने ली 3 मरीजों की जान
कार्यालय संवाददाता,लखनऊ। Mon, 28 May 2018 03:04 PM
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केजीएमयू में रविवार को जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार ने तीन मरीजों की जान ले ली। उधर बलरामपुर अस्पताल में भी बेड फुल हो गए। कई मरीजों को इलाज नहीं मिल सका। केजीएमयू सीएमएस डॉ एसएन शंखवार व डॉ मधुमति गोयल के निर्देशन में करीब 1 घंटे जूनियर डॉक्टरों के साथ बातचीत चली। इसके बाद जूनियर डॉक्टर माने और काम पर लौट आए l
जानकारी के मुताबिक सीतापुर रोड स्थित मड़ियाव के एक बच्चे को केजीएमयू के बाल रोग विभाग में रविवार को भर्ती कराया गया था। जांच पड़ताल के बाद डॉक्टरों ने इंसेफेलाइटिस की शिकायत बताई। रात करीब 11:30 बजे बच्चे की हालत गंभीर हो गई। इलाज के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया। इससे नाराज परिवारीजनों ने जूनियर डॉक्टरों से हाथापाई की। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने समुचित इलाज नहीं किया।
तीन घंटे ठप रहा कामकाज
मारपीट की घटना से बाल विभाग व ट्रामा सेंटर में करीब 3 घंटे इलाज ठप रहा, जिसकी वजह से गंभीर मरीजों की सांसे अटक गई l वहीं दूर से बेहद नाजुक हाल में लाए गए मरीजों की भर्ती नहीं हो सकी l मजबूरन तीमारदार मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में ले गए। रो

रविवार को अलग-अलग समय पर जूनियर डॉक्टरों पर कई हमले हुए। रात में तो हाथापाई तक जूनियर डॉक्टर से हुई। लगातार इस तरीके की घटनाएं हो रही है। प्रशासन सुरक्षा मुहैया करा पाने में पूरी तरीके से नाकाम साबित हो रहा है, इस माहौल में काम करना बहुत कठिन है। मजबूरन कार्य बहिष्कार जैसे कदम उठाने पड़ रहे हैं जूनियर डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाएं जाएं तभी मरीजों को बेहतर माहौल में इलाज मिल सकेगा l
डॉ नीरज मिश्रा (अध्यक्ष जूनियर डॉक्टर)

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