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इस्लाम ने हर औरत के लिए शिक्षा जरुरी करार दी

इस्लाम ने जो औरतों को मुकाम व बलंदी दी है, वह किसी और मजहब में नहीं दी गई है। रसूल का इरशाद है कि मां के पैरों के नीचे जन्नत होती है। एक मां के रुप में औरत जमीन पर रहने वाले तमाम इंसानों से अधिक...

इस्लाम ने हर औरत के लिए शिक्षा जरुरी करार दी
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 17 Sep 2018 09:07 PM
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इस्लाम ने जो औरतों को मुकाम व बलंदी दी है, वह किसी और मजहब में नहीं दी गई है। रसूल का इरशाद है कि मां के पैरों के नीचे जन्नत होती है। एक मां के रुप में औरत जमीन पर रहने वाले तमाम इंसानों से अधिक इज्जतदार है। यह विचार इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की ओर से दारूल उलूम निजामियां फरंगी में आयोजित दस दिवसीय जलसे को खिताब करते हुए मौलाना खालिद रशीद ने व्यक्त किए। मौलाना ने कहा कि एक बेटी की परवरिश करने वालों को रसूल ने जन्नत की जमानत दी है।

मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि इस्लाम ने हर औरत के लिए शिक्षा को जरुरी करार दिया है। इस्लाम ने पर्दे को जरुरी करके उसकी इज्जत व आबरू की सुरक्षा का पूरा बंदोबस्त किया। मौलाना ने कहा कि इस्लाम ने औरत को जिदंगी के हर क्षेत्र में चाहे वह राजनैतिक हो, व्यापारिक हो, इबादत का हो, शिक्षा का हो या फिर समाजिक क्षेत्र सब में सलाहियतों के अनुसार अधिकार दिये हैं। मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि हर मुसलमान पर इल्म व दीन हासिल करना अनिवार्य है। मौलाना ने मुसलमानों से अपील की कि वह औरतों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दें, ताकि वह शिक्षा की रौशनी में अपनी दुनिया व आखिरत बेहतर कर सकें।

इस्लाम को समझने के लिए अहलेबैत को समझना जरुरी

ऑल इण्डिया हुसैनी सुन्नी बोर्ड की ओर से आयोजित जलसे को खिताब करते हुए बोर्ड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सैयद जुनैद अशरफ किछौछवी ने कहा कि इस्लाम को समझने के लिए अहलेबैत को समझना ज़रूरी है। मिसाल के तौर पर कुरआन की एक आयत है जिसका तजुर्मा “ऐ ईमान वालो मदद तलब करो, सब्र और नमाज से, बेशक अल्लाह सब्र करने वालों के साथ है। इस आयत को देखना है तो आपको इमाम हुसैन को देखना होगा। जिन्होंने अपने सब्र और नमाज के जरिए दुनिया के सामने मिसाल पेश की। वहीं, एक मीनारा मस्जिद में जलसे को खिताब करते हुए कारी मोहम्मद सिद्दीक ने कहा कि कर्बला के मैदान से हमें कई दर्स मिलते हैं। इनमें नमाज और सब्र सबसे अव्वल है। हमें अल्लाह के दामन को मजबूती से पकड़े रखना होगा। वहीं, माल एवन्यू स्थित दरगाह दादा मियां में कर्बला के शहीदों की याद में जलसे को आयोजन किया गया।

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