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मुख्यमंत्री की पहल पर शहीद के बेटे को नौकरी की आस जगी

-जेल मुख्यालय ने शहीद जेल अधीक्षक के बेटे को ओएसडी के पद पर तैनाती हेतु पद सृजन के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा-वर्ष 1999 में राजभवन के सामने बदमाशों ने जेल अधीक्षक आरके तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी...

मुख्यमंत्री की पहल पर शहीद के बेटे को नौकरी की आस जगी
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 11 Sep 2017 08:16 PM
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-जेल मुख्यालय ने शहीद जेल अधीक्षक के बेटे को ओएसडी के पद पर तैनाती हेतु पद सृजन के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा-वर्ष 1999 में राजभवन के सामने बदमाशों ने जेल अधीक्षक आरके तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी थीलखनऊ । सुशील सिंहमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर जेल विभाग में बहादुर अधिकारी का तबका पाने वाले जेल अधीक्षक रमाकांत तिवारी के बेटे विवेक तिवारी को मृतक आश्रित कोटे में नौकरी की आस जगी है। जेल मुख्यालय ने शहीद जेल अधीक्षक के बेटे को ओएसडी के पद पर तैनाती हेतु सहमति जतायी है। इस पद के सृजन की स्वीकृति के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। शहीद की पत्नी व बेटा 18 वर्ष से मृतक आश्रित कोटे की नौकरी के लिए कई मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों व अधिकारियों के चक्कर काटकर थक चुके हैं। परिवार को योगी सरकार से बहुत उम्मीदें हैं। वहीं इलाहाबाद के विधायक राजमणि कोलि ने मुख्यमंत्री से शहीद अधीक्षक के बेटे को मृतक कोटे में नौकरी देने की सिफारिश की है।राजधानी की जिला जेल में तैनात अधीक्षक रमाकांत तिवारी की चार फरवरी 1999 को राजभवन के सामने उस समय गोली मारकर हत्या की गयी थी जब वह सरकारी जीप से घर जा रहे थे। उस समय माफिया मुख्तार अंसारी व तब के चर्चित छात्र नेता अभय सिंह समेत दर्जनों लोग नामजद हुए थे। पर वक्त के साथ सभी बरी हो गए। उस समय सरकार ने रमाकांत तिवारी की पत्नी को चतुर्थ श्रेणी की नौकरी ऑफर की थी। पर एलाइड पीसीएस से जेल अधीक्षक बने रमाकांत तिवारी की पत्नी आभा तिवारी ने इसे करने से मना कर दिया। अप्रैल में आभा तिवारी मृतक आश्रित कोटे में बेटे विवेक तिवारी की नौकरी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर गुहार लगायी थी। मुख्यमंत्री ने निर्देश पर विशेष सचिव ने जेल मुख्यालय को मृतक कोटे में शहीद अधीक्षक के बेटे को नौकरी दिए जाने की संदर्भ में आख्या मांगी थी। जेल मुख्यालय के डीआईजी आरपी सिंह ने शासन को ओएसडी पद के सृजन हेतु भेजे गए प्रस्ताव में कहा है कि शहीद जेल अधीक्षक के बेटे को जेल मुख्यालय या परिक्षेत्र डीआईजी कार्यालय में तैनात किया जा सकता है। मुख्यालय के अफसरों का कहना है कि शासन से पद सृजन की स्वीकृति मिलते ही विवेक तिवारी को तैनाती दे दी जाएगी। आभा तिवारी का कहना है कि बीते वर्षों में कई घटनाओं में बदमाशों के हाथ मारे गए मेरठ में तैनात डिप्टी जेलर नरेन्द्र द्विवेदी और वाराणसी जेल में तैनात डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की पत्नियों को उच्च पदों पर नौकरी दे दी गई।

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