दूरस्थ शिक्षा से डिग्री धारकों पर कार्रवाई को शासनादेश का इंतजार
ITI
- 22 प्रधानाचार्यों पर होनी थी कार्रवाई, 20 की सूची की जारी
- पहले कार्रवाई, अब मुकरा प्रशासन
- प्रमोटी प्रधानाचार्य उठा रहे पदों का लाभ
दूरस्थ शिक्षा से बीटेक डिग्री हासिल करने वाले राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान(आईटीआई) के प्रधानाचार्यों पर कार्रवाई लंबित बनी हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने 3 नवंबर को जल संस्थान के एक मामले में आईटीआई में प्रमोशन पाकर प्रधानाचार्य बने 22 अनुदेशकों को पदों पर वापस लौटाने का आदेश दिया था। वहीं, तत्काल प्रभाव से पदों के सभी लाभ भी वापस लेने की बात कही थी।
विभाग की लापरवाही के चलते ऐसे प्रधानाचार्यों पर कार्रवाई तो करना दूर, विभाग ने इस मामले में फंसे चारबाग आईटीआई के प्रधानाचार्य श्रेणी-2 आरएस यादव को प्रधानाचार्य श्रेणी-1 में पदोन्नति कर दी। यह देख तो यही लगता है कि प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अपनी आंखे मूंद ली हैं।
दरअसल, नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने दूरस्थ शिक्षा से हासिल डिग्री को अमान्य करार दिया था। फैसला आने के बाद निदेशालय ने तेजी दिखाई और आनन-फानन में 22 प्रधानाचार्यों की जगह 20 की सूची जारी की। फिर, 14 नवंबर को एक जारी पत्र में ऐसे प्रधानाचार्यों को प्रपत्र जमा कराने का आदेश दिया। लेकिन, बाद में कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई।
विभाग अभी तक किसी एक के ऊपर भी कार्रवाई नहीं कर सका है। प्रमोशन पाकर प्रधानाचार्य बने अनुदेशक भी अपने पदों का लाभ उठा रहे हैं।
वर्जन
किसी और मामले में आईटीआई को लेकर आदेश जारी हुआ था। ऐसी हालत में जब तक शासनादेश जारी नहीं होगा, तब तक किसी पर कार्रवाई नहीं की जा सकती। शासनादेश के बाद कार्रवाई संभव है।
राजेंद्र प्रसाद, निदेशक, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय।