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रेलवे कारखाने में तैयार हो रहा आइसोलेशन कोच, सैनिटाइजर व मास्क

उत्तर रेलवे के आलमबाग स्थित सवारी डिब्बा कारखाने में सैकड़ों विशेषज्ञ कर्मचारी व टेक्नीशियन मास्क तथा सैनिटाइजर बनाने में...

रेलवे कारखाने में तैयार हो रहा आइसोलेशन कोच, सैनिटाइजर व मास्क
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 30 Mar 2020 06:51 PM
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उत्तर रेलवे के आलमबाग स्थित सवारी डिब्बा कारखाने में सैकड़ों विशेषज्ञ कर्मचारी व टेक्नीशियन मास्क तथा सैनिटाइजर बनाने में जुटेलखनऊ। विजय वर्मा आलमबाग स्थित उत्तर रेलवे के सवारी डिब्बा कारखाने में बड़े पैमाने पर आइसोलेशन कोच, सैनिटाइजर, मास्क तथा ड्रेस तैयार हो रहे हैं। इस काम में रेलवे के सैकड़ों कर्मचारी लगे हैं। निश्चित दूरी बनाकर यह कर्मचारी कारखाने में मास्क बनाने में जुटे हैं। 5 कोच को भी आइसोलेशन में बदला जा रहा है। सैनिटाइजर तथा मास्क की कमी को पूरा करने के लिए अब रेलवे भी आगे आया है। रेलवे के जिस कारखाने में अभी तक कोच बनाने व उसकी मरम्मत का काम होता था अब उसमें मास्क, सैनिटाइजर व डॉक्टर तथा पैरामेडिकल स्टाफ की ड्रेस तैयार हो रहे हैं। यह सारा काम मुख्य कारखाना प्रबंधक डॉ मनीष पांडेय की देख रेख में हो रहा है। कारखाने में विभिन्न श्रेणी के करीब 3500 कर्मचारी काम करते हैं। इसमें से विशेषज्ञ टेक्नीशियन हजारों मास्क रोजाना तैयार कर रहे हैं। कारखाने में रेलवे का लैब भी है। पहले इसमें मैटेरियल की जांच होती थी लेकिन अब सैनिटाइजर बनाया जा रहा है। अधिकारियों का दावा है कि यहां बन रहा सैनिटाइजर बाजार से काफी अच्छा है। इसी तरह मास्क भी बहुत अच्छी गुणवत्ता का है। रेलवे में सीट सिली जाने वाली मशीनों से मास्क बन रहे हैं। इसे बनाने के काम में महिला व पुरुष दोनों कर्मचारी लगे हैं। बनाने के बाद इसे डिवीजन को भेजा जा रहा है। डिवीजन डिमांड के हिसाब से इसे अलग-अलग शहरों में रेलवे को भेज रहा है।--------------------------तेजी से बन रहे आइसोलेशन कोच, होंगी यह सुविधाएंउत्तर रेलवे के आलमबाग स्थित सवारी डिब्बा कारखाने में तेजी से आइसोलेशन कोच बनाए जा रहे हैं। सबसे पहले पांच कोच कोच को आइसोलेशन बनाया जा रहा है। इसमें से तीन तैयार हो गए हैं। एक आइसोलेशन कोच में मरीजों के लिए तीन से लेकर 6 केबिन बनाई गई हैं। इसके अलावा एक केबिन डॉक्टर, एक पैरामेडिकल स्टाफ तथा एक केबिन दवाओं के लिए बनाई गई है। केबिन से बीच की सीट को हटा दिया गया है। केबिन को एयर टाइट किया गया है। ट्वायलेट भी बनाये गए हैं। कोच को लाल रंग में कर दिया गया है। बाहर जहां ट्रेन का नाम और नंबर लिखा होता वहां आइसोलेशन कोच लिखा गया है। -----------------------सवारी डिब्बा कारखाने में मास्क, सैनिटाइजर तथा आइसोलेशन कोच बनाने का काम तेजी से चल रहा है। शिप्टों में सैकड़ों कर्मचारी लगे हैं। मुख्य कारखाना प्रबंधक डॉ मनीष पांडे खुद अपनी निगरानी में इसे तैयार करा रहे हैं। संकट की इस घड़ी में रेलवे के कर्मचारी व अधिकारी देश के साथ खड़े हैं। सैनिटाइजर व मास्क की कमी को दूर करने के लिए इसे बनाया जा रहा है।अभिनीत जैन, संयोजक, उत्तर रेलवे सांस्कृतिक संगठन व सवारी डिब्बा कारखाना उत्तर रेलवे आलमबाग

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