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अमेठी में विधायक ने मजदूरों को दी खड़ंजा लगाने की लाइव ट्रेनिंग

अमेठी में भाजपा विधायक ने मजदूरों को दी खड़ंजा लगाने की लाइव ट्रेनिंग इनसे सीखें सलोन सुरक्षित (अमेठी) सीट से तीसरी बार विधायक चुने गए हैं पूर्व मंत्री दल बहादुर कोरी गांव पदमनपुर बिजौली से बरुआ...

अमेठी में विधायक ने मजदूरों को दी खड़ंजा लगाने की लाइव ट्रेनिंग
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊWed, 30 Aug 2017 09:00 PM
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अमेठी में भाजपा विधायक ने मजदूरों को दी खड़ंजा लगाने की लाइव ट्रेनिंग इनसे सीखें सलोन सुरक्षित (अमेठी) सीट से तीसरी बार विधायक चुने गए हैं पूर्व मंत्री दल बहादुर कोरी गांव पदमनपुर बिजौली से बरुआ गांव तक मनरेगा से बिछ रहा है खड़ंजा फोटो संख्या- 30 आरबीएल 54 कैप्शन-अपने गांव पदमनपुर बिजौली में मजदूरों को बुधवार को खड़ंजा बिछाने की ट्रिक बताते सलोन के भाजपा विधायक दल बहादुर कोरी रायबरेली। गौरव अवस्थी भाजपा के एक विधायक हैं दल बहादुर कोरी। मंत्री रह चुके सलोन (अमेठी) के विधायक से मनरेगा के तहत गांव में गलत ढंग से लगाया जा रहा खड़ंजा देखा नहीं गया। जिसके बाद विधायक होने का संकोच त्यागकर उन्होंने मजदूरों को ट्रिक बताने के लिए खुद ही खड़ंजा लगाना शुरू कर दिया। डेढ़ घंटे मजदूरों के बीच रहे विधायक ने खड़ंजा लगाकर भी दिखाया। अब उन्हें संतोष है कि गांव का खड़ंजा ठीक लग रहा है। विधायक का गांव है पदमनपुर बिजौली। बिजौली से बरुआ गांव को जोड़ने के लिए दोनों ग्राम सभाओं ने अपनी-अपनी सीमा तक खड़ंजा कार्य मनरेगा से मंजूर किया है। इस मार्ग पर खड़ंजा बिछाने के लिए गांव के 8-10 मजदूर लगे हैं। खड़ंजा देखने सुबह-सुबह निकले विधायक दल बहादुर ने पाया कि खड़ंजा सही नहीं लग रहा है। जिसके बाद वह मजदूरों को ट्रिक बताने के लिए खुद ही खड़ंजा बिछाने लगे। विधायक को अपने बीच कार्य करते देख गांव के मजदूर हतप्रभ रह गए। विधायक ने मजदूरों को बताया कि ऐंठवा (खड़े ईंट का खड़ंजा) के बजाए क्यूब (चौकोर) खड़ंजा लगाओ। ऐंठवा में अगर एक भी ईंट निकल गई तो एक-एक कर सब ईंटें निकल जाती हैं। विधायक की इस ‘प्रैक्टिकल क्लास के बाद मजदूरों ने सही-सही खड़ंजा बिछाना शुरू कर दिया। विधायक को संतोष है कि अब गांव में खड़ंजा सही लग रहा है। इनसेट------------- राजनीति में रहते पास की दसवीं की परीक्षारायबरेली। गरीबी की वजह से बचपन में पढ़ने से वंचित रह गए विधायक दल बहादुर कोरी ने राजनीति में रहते हुए दसवीं की परीक्षा वर्ष 2011 में पास की थी। राजनीतिक व्यस्तता से वह पढ़ाई जारी तो नहीं रख पाए लेकिन उनका इरादा अभी भी आगे पढ़ने का है। उनका कहना है कि समय मिलते ही इंटर की परीक्षा में बैठेंगे। इनसेट------------ प्लम्बरिंग से विधायकी और मंत्री पद तकरायबरेली। परिवार के जीवन-यापन के लिए भाजपा विधायक राजनीति में आने के पहले प्लम्बरिंग का काम करते थे। अपनी इस व्यथा को वह मंचों से बताते भी रहते हैं। अब यह काम पूरी तरह छूट चुका है, लेकिन प्लम्बरिंग की वह पुरानी यादों के रूप में वह आज भी संजों कर रखे हैं। इनसेट--------------- अयोध्या आंदोलन से हुई सार्वजनिक जीवन की शुरुआत रायबरेली। भाजपा विधायक दल बहादुर के सार्वजनिक जीवन की शुरुआत वर्ष 1989 में अयोध्या आंदोलन में सक्रियता के साथ हुई थी। वे कहते हैं कि तब नहीं पता था कि भगवान राम के प्रति आस्था यहां तक पहुंचा देगी। पहली बार उन्हें 1991 में टिकट मिला था, लेकिन हार गए। 1993 में वह विधायक चुन लिए गए। 1996 में दोबारा विधायक बने और राज्यमंत्री भी बना दिए गये। तीसरी बार वह 2017 में फिर विधायक चुने गये। कोट--- अधिकारी भी जनता गांव आते रहते हैं। वे सब देखते तो कहते कि विधायक के गांव में ही खड़ंजा सही ढंग से नहीं लगाया गया है। इसलिए मजदूरों को ट्रिक बताने के लिए पहुंच गया। इसमें कोई बुराई थोड़े ही है। दल बहादुर कोरी, भाजपा विधायक

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