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खास पैटर्न में रंगे वन वैरियर्स बनेंगे टाईगर रिजर्व की पहचान

दुधवा सर्किल के प्रमुख वन चौकियों को नई पहचान दी जा रही है। दुधवा टाइगर रिजर्व के मुख्य वन संरक्षक व फील्ड डायरेक्टर रमेश कुमार पाण्डेय के निर्देश पर बाघों के संरक्षण की दिशा में अभिनव प्रयोग शुरू कर...

खास पैटर्न में रंगे वन वैरियर्स बनेंगे टाईगर रिजर्व की पहचान
हिन्दुस्तान संवाद,बहराइच। Sun, 13 Jan 2019 01:26 PM
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दुधवा सर्किल के प्रमुख वन चौकियों को नई पहचान दी जा रही है। दुधवा टाइगर रिजर्व के मुख्य वन संरक्षक व फील्ड डायरेक्टर रमेश कुमार पाण्डेय के निर्देश पर बाघों के संरक्षण की दिशा में अभिनव प्रयोग शुरू कर दिया गया है। इसके तहत टाइगर रिजर्व क्षेत्रों में पड़ने वाली प्रमुख वन चौकियों को टाइगर्स स्ट्राइब्स यानी बाघों के शरीर पर दिखने वाली सुंदर पट्टियों के रंग में रंगाई शुरू की गई है।
फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि इन खास रंगों का यह पैटर्न विश्व में बाघों से जोड़कर देखा जाता है। उनका कहना है कि बाघों के शरीर पर दिखने वाली सुन्दर पट्टियों के रंग में रंगे हुए बैरियर्स को देखते हुए टाइगर्स रिज़र्व से गुज़रने वाले वाहनों, राहगीरों व वन्यजीव प्रेमियों के मस्तिष्क में यह बात घर कर जाएगी कि वह जिस क्षेत्र से गुज़र रहे हैं, वहां जंगल के शहंशाह बाघ का घर है। उन्होंने बताया कि इतने छोटे प्रयास से भी लोग टाइगर रिज़र्व से गुज़रते हुए सर्तक रहेंगे। उनके वाहनों की स्पीड भी निर्धारित गति सीमा से अधिक नहीं होने पाएगी। बस राहगीरों पर होने वाला यह असर बाघों के संरक्षण की दिशा में बेहतर कदम होगा।
फिलहाल इस नई पहल से वन क्षेत्र में स्थापित बैरियर्स की सुन्दरता आकर्षक हो रही है, वहीं इस खास पैटर्न में किए जा रहे रंग-रोगन के पीछे अनेकों सन्देश भी छिपे हुए हैं। वन महकमें के इस प्रयास को वन्यजीव प्रेमियों व आम-अवाम की ओर से सराहा भी जा रहा है।

संकेतांक पर ध्यान नहीं देते हैं राहगीर
 फील्ड डायरेक्टर बताते हैं कि सर्किल के लगभग सभी टाइगर रिज़र्व में संरक्षित वन क्षेत्र व सावधानी, संतुलित गति सीमा आदि के संकेतांक बोर्ड लगे हुए हैं। इसके बावजूद क्षेत्र से गुजरने वाले राहगीर या छोटे-बड़े वाहन इन संकेतक बोर्ड पर ध्यान नहीं देते हैं। जिससे रिजर्व क्षेत्र से गुजरते समय सावधानी व वाहनों की रफ्तार पर अंकुश नहीं लगाते, जगह-जगह लगे संकेतांक भी लोगों को इतना प्रभावित नहीं कर पाते। एफडी ने बताया कि दुधवा सर्किल में आने वाले टाइगर रिज़र्व में बाघों के संरक्षण के दृष्टिगत अभिनव प्रयोग के तौर पर वन बैरियर्स को खास पैटर्न में रंगे जाने का प्रयोग किया जा रहा है, ताकि लोग इस शानदार प्राणी के महत्व को समझें और संरक्षण के लिए आगे आए। कहा कि भविष्य में इस प्रयोग की सफलता को देखते हुए बाघ संरक्षण की दिशा में इसे और विस्तार दिया जाएगा।

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