आईएएस की हत्या के मामले में नए सिरे से पूछताछ कर सकती है सीबीआई
-एएसपी स्तर के अधिकारी को मिला है जांच का जिम्मा नई दिल्ली / लखनऊ / प्रमुख संवाददाता आईएएस अफसर अनुराग तिवारी की रहस्यमय हालत में हुई मौत की जांच में लगाई गई सीबीआई अफसरों की एक टीम शनिवार को लखनऊ...
-एएसपी स्तर के अधिकारी को मिला है जांच का जिम्मा नई दिल्ली / लखनऊ / प्रमुख संवाददाता आईएएस अफसर अनुराग तिवारी की रहस्यमय हालत में हुई मौत की जांच में लगाई गई सीबीआई अफसरों की एक टीम शनिवार को लखनऊ पहुंच गई। जांच टीम का नेतृत्व एएसपी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं। सीबीआई ने मामले की जांच कर रही यूपी पुलिस की एसआईटी से संबंधित दस्तावेज और फाइलें कब्जे में ले लिया। अनुराग कर्नाटक कैडर के आईएएस अफसर थे। वह कर्नाटक में खाद्य एवं संभरण विभाग में कमिश्नर के पद पर कार्यरत थे। सूत्रों का कहना है कि अनुराग विभाग की कुछ ऐसी फाइलों की जांच कर रहे थे, जिससे कुछ बड़े घोटालों का पर्दाफाश होने की संभावना थी। ईमानदारी के कारण दस वर्षों के कार्यकाल में उनके आठ से दस तबादले हो चुके थे। उन्होंने अपने परिवारीजनों को बताया था कि कुछ लोग उन पर दबाव बना रहे हैं कि वह जांच न करें। इस दबाव के कारण करीब दो माह से वह काफी परेशान चल रहे थे। वह अपनी जान को खतरा होने की आशंका भी जता रहे थे। अनुराग के भाई मयंक तिवारी ने सीबीआई को दी गई शिकायत में आरोप लगाया है कि 17 मई को जिस तरीके से उनकी रहस्यमय हालत में मौत हुई उससे प्रतीत होता है उनकी हत्या की गई है। इस संबंध में लखनऊ के हजरतगंज थाने में पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर सीबीआई की विशेष अपराध शाखा ने नई दिल्ली में ताजा प्राथमिकी दर्ज की है। सूत्रों का कहना है कि सीबीआई इस मामले में अपनी जांच का दायरा बढ़ा सकती है। मामला दो राज्यों से जुड़ा होने के कारण उसे यह जरूरी लग रहा है। आईएएस अनुराग तिवारी का शव 17 मई की सुबह लखनऊ के हजरतगंज थाना क्षेत्र स्थित मीराबाई मार्ग पर पड़ा मिला था, जबकि उनकी तैनाती कर्नाटक में थी। हत्या की वजह दोनों जगह तलाशी जानी है। अनुराग मसूरी में ट्रेनिंग प्रोग्राम पूरा करके लखनऊ आए थे और यहां अपने बैच के आईएएस अफसर प्रभु एन सिंह के साथ वीआईपी गेस्ट हाउस में ठहरे हुए थे। मामले की जांच के लिए गठित लखनऊ पुलिस की एसआईटी ने बंगलुरु जाकर उनके आवास की भी जांच की थी।