प्रवासी श्रमिकों व मजदूरों का अब घर-घर सर्वे
House to house sevey
- कुशल और अकुशल के आंकड़ों का होगा मिलान
प्रमुख संवाददाता - राज्य मुख्यालय
लॉकडाउन में यूपी लौटे प्रवासी श्रमिकों व मजदूरों का अब घर-घर सर्वे कराया जा रहा है। इसका मकसद कुशल और अकुशल श्रमिकों के आंकड़ों का मिलान कराना है। इसके साथ ही यह भी पता लगाना है कि लॉकडाउन में आने वालों में कितने अब तक वापस चले गए हैं। शासन ने राजस्व विभाग के कर्मियों के माध्यम से इस दिशा में काम शुरू कर दिया है।
कहीं कोई चूक नहीं चाहती सरकार
राज्य सरकार प्रवासी श्रमिकों के मामले में कहीं कोई चूक नहीं होने देना चाहती है। इसीलिए यूपी लौटे सभी प्रवासी श्रमिकों व मजदूरों का अलग-अलग आंकड़ा तैयार कराया गया है। मसलन, यूपी में कुल कितने प्रवासी लौटे, इसमें कितनी महिलाएं हैं और कितने बच्चे...। कुल प्रवासियों में कितने कुशल और कितने अकुशल हैं। इसके आधार पर ही इनके लिए रोजगार की व्यवस्था कराने की योजना है।
राहत आयुक्त कार्यालय यूपी लौटे प्रवासी श्रमिकों व मजदूरों का एक बार सर्वे करा चुका है। इसमें इनके बारे में पूरी जानकारी एकत्र की जा चुकी है, लेकिन यह माना जा रहा है कि हो सकता है, कुछ प्रवासी इससे छूट गए हो या फिर कुशल को अकुशल की श्रेणी में रख दिया गया हो या अकुशल को कुशल की श्रेणी में। इसीलिए घर-घर सर्वे का काम शुरू कराया गया है।
हुनमंदों को हर संभव रोजगार की व्यवस्था
राज्य सरकार हुनमंदों को हर संभव रोजगार की व्यवस्था यूपी में ही कराना चाहती है, जिससे उन्हें लौट कर न जाना पड़े। सरकार का मानना है कि प्रवासी मजदूरों व श्रमिकों के हुनर का फायदा उठाकर उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। राहत आयुक्त कार्यालय से मिले आंकड़े के मुताबिक अब तक 35 लाख से अधिक के स्किल मैपिंग का काम पूरा हो चुका है। इसमें 28.98 लाख पुरुष, 4 लाख महिलाएं और 1400 ट्रांसजेंडर हैं। इसके अलावा 3.80 लाख से अधिक 18 वर्ष की उम्र वाले बच्चे हैं।
यूपी लौटे प्रवासी श्रमिकों का ब्योरा
- आश्रय स्थल में रुके श्रमिक 1598676
- ट्रांजिट स्थल वाले श्रमिक 990824
- होम क्वारंटीन वाले श्रमिक 948696
- कुल श्रमिकों की संख्या 3538196
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कोट
प्रवासी श्रमिकों व मजदूरों का घर-घर सर्वे कराया जा रहा है, जिससे कुशल और अकुशल के बारे में कहीं कोई चूक न रह जाए। इन आंकड़ों को श्रम विभाग को भेजा जाएगा। संजय गोयल, राहत आयुक्त