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तुगलकी फरमान: कसम खिलाने पर इस परिवार का हुक्का-पानी बंद-VIDEO

उत्तर प्रदेश के सीतापुर से एक सामाजिक उत्पीड़न का मामला सामने आया है. मामला थाना सदरपुर के ग्राम पोखरा कलां का है। यहां कसम खिलाने पर एक परिवार का हुक्का-पानी बंद करने, जुर्माने में एक लाख रुपए तथा...

तुगलकी फरमान: कसम खिलाने पर इस परिवार का हुक्का-पानी बंद-VIDEO
दिलीप बाजपेयी,महमूदाबाद (सीतापुर)। Wed, 16 Jan 2019 08:46 PM
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उत्तर प्रदेश के सीतापुर से एक सामाजिक उत्पीड़न का मामला सामने आया है. मामला थाना सदरपुर के ग्राम पोखरा कलां का है। यहां कसम खिलाने पर एक परिवार का हुक्का-पानी बंद करने, जुर्माने में एक लाख रुपए तथा सात जवार का खाना खिलाने का तुगलकी फरमान पंचायत ने सुनाया है। इतना ही नहीं, सोनकर बिरादरी के सैकड़ों गांवों में बसे लोगों को फैसले की चिट्ठियां भी भेज दी गई हैं। समाज से बहिष्कृत परिवार भागा-भागा घूम रहा है। 

सामाजिक उत्पीड़न के इस मामले में सदरपुर थानाक्षेत्र के पोखराकलां गांव निवासी प्रेम पुत्र आशाराम ने बताया कि बीते माह छह दिसम्बर की रात उनके दरवाजे से दो भैंसा चोरी हो गए थे। उसने सात दिसम्बर को सदरपुर थाने में प्रार्थना पत्र भी दिया था। कुछ दिन बीतने के बाद प्रेम को गांव के ही कुछ लोगों पर शक हुआ। गांव वालों ने मिलकर चौपाल आयोजित कर सबको कसम खाने पर सहमति बनाई।
 
गांव में स्थित ब्रह्मचारी बाबा के स्थान पर प्रेम ने गांव के कुर्मी, धोबी, कहार, गुप्ता के साथ भार्गव बिरादरी के इंदर पुत्र खुशीराम ने चोरी न करने की कसम खाई। बताया जाता है कि कसम में ये शर्त रखी गई थी कि यदि कसम पूरी नहीं होगी तो जुर्माने में एक लाख रुपए व सात जवार का खाना प्रेम को देना पड़ेगा। कसम में आठ दिन का समय रखा गया था। इधर आठ दिन बीतते ही खटिक बिरादरी के प्रेम के विरुद्ध इंदर ने गांव में क्षेत्रीय बिरादरी के राउत (मुखिया) व नायब (उपमुखिया) को बुलाकर दो बार पंचायत बैठाई। जिसमें प्रेम अपनी समस्याओं को लेकर शामिल नहीं हो पाए। इसी बात को लेकर प्रेम के विरुद्ध पंचायत में यह फैसला सुनाया गया कि कसम पूरी नहीं हुई है। अब प्रेम को जुर्माना अदा करना पड़ेगा और तब तक हुक्का-पानी बिरादरी द्वारा बंद किया जाता है। इस फरमान के लिए बाकायदा चिट्ठी भी भेजी गई। 

सामाजिक बहिष्कार संबंधित चिट्ठी की जानकारी जब प्रेम को हुई तो वह परेशान हो उठा। प्रेम का कहना है कि भैंसा तो गया ही, अब जुर्माना और बिरादरी के सैकड़ों लोगों के भोजन की व्यवस्था करना उसके लिए मुसीबत से कम नहीं है। पीड़ित ने बताया कि  जुर्माना अदा करते-करते तो उसकी जर-जमीन सब बिक जाएगी। फिर भी जुर्माना की अदायगी नहीं हो पाएगी। उधर समाज के कई लोगों का मानना है कि ये बिरादरी के मुखिया का फैसला है तो उसे पूरा करना ही पड़ेगा। 

इस मामले में सदरपुर थानाध्यक्ष सूर्यबली पाण्डेय ने बताया की  मामला मेरे संज्ञान में आया है। प्रेम सदरपुर थाने में चौकीदार भी है। मैंने फैसला सुनाने और चिट्ठी-पत्र लिखने वालों को बुलाया है।  मामले का हल निकल जाएगा।

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