ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश लखनऊविधानसभा कार्यवाही मुजफ्फरनगर दंगे में संलिप्त रहे हैं पूर्व सरकार के मंत्री

विधानसभा कार्यवाही मुजफ्फरनगर दंगे में संलिप्त रहे हैं पूर्व सरकार के मंत्री

-प्रतिपक्ष सरकार के अच्छे कामों से सकपका गया है -पूर्व मुख्यमंत्री को पुलिस की तेज कार्रवाई पर भी आपत्ति -पंद्रह साल में बना दिया प्रदेश को अपराधियों का चारागाह -बूचड़खाने बंद कराने पर भी विपक्ष...

विधानसभा कार्यवाही 
मुजफ्फरनगर दंगे में संलिप्त रहे हैं पूर्व सरकार के मंत्री
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊThu, 27 Jul 2017 07:01 PM
ऐप पर पढ़ें

-प्रतिपक्ष सरकार के अच्छे कामों से सकपका गया है -पूर्व मुख्यमंत्री को पुलिस की तेज कार्रवाई पर भी आपत्ति -पंद्रह साल में बना दिया प्रदेश को अपराधियों का चारागाह -बूचड़खाने बंद कराने पर भी विपक्ष को आपत्ति -पूर्व सीएम के घर पर हुआ था अपराधियों का महिमा मंडल विशेष संवाददाता - राज्य मुख्यालय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विधानसभा में प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के मंत्री तक मुजफ्फरनगर दंगे और दुराचार में संलिप्त थे। मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपियों को पूर्व सीएम के आवास पर लाकर महिमा मंडन किया गया। मुख्यमंत्री विधानसभा में गृह विभाग के बजट पर विपक्ष की चर्चा का जवाब दे रहे थे। चोरों को चांदनी रात अच्छी नहीं लगती उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों की ओर इशारा करते हुए कहा कि चोरों को असल में चांदनी रात अच्छी नहीं लगी। उन्हें आसानी से हजम नहीं हो रहा है कि सरकार कैसे अच्छा काम कर रही है। सरकार के अच्छे काम से सकपका गए हैं। सरकार की मंशा और नीयत साफ है। हम सबके साथ सबके विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। न जाने पूर्ववर्ती सरकार व प्रतिपक्ष को क्यों आपत्ति है। अगर सरकार महिलाओं बेटियों की सुरक्षा के लिए कदम उठा रही है तो क्या आपत्ति है। सरकार बनने के 24 घंटे के भीतर एंटी रोमियों स्क्वाएड गठित कर दिए गए तो क्या आपत्ति है। अगर सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देशों के तहत अ‌वैध बूचड़खाने बंद करा दिए गए तो क्या आपत्ति है। न जाने प्रतिपक्ष किस मुद्दे को उठाना चाहता है। वह तो अच्छा हुआ कि जनता ने सहयोग नहीं किया। पंद्रह साल में बना दिया चारागाह प्रतिपक्ष कानून-व्यवस्था खराब होने का मुद्दा उठाता है। पंद्रह साल में प्रदेश को अपराधियों का चारागाह बना दिया। राजनीतिक अपराधीकरण बढ़ा दिया। हमने जो भी सरकार बनने से पहले और बाद में कहा है उसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पूर्व सरकार में कब्जे की शिकायत आती थी लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं कर पाती थी क्योंकि कब्जा करने वालों को सरकार का संरक्षण होता था। एफआईआर दर्ज नहीं होती थी। सरकार ने एफआईआर दर्ज कराना शुरू किया है। पुलिस ने चार महीने में अच्छा काम किया है। डकैती, लूट हत्या के मामलों में खुलासे का प्रतिशत में अच्छा सुधार हुआ है। पूर्व सीएम को पुलिस की तेजी पर भी आपत्ति सीएम योगी आदित्य नाथ बोले- पूर्ववर्ती सरकार के मुख्यमंत्री का कल बयान छपा है कि पुलिस जल्दबाजी में काम कार्रवाई कर रही है। न जाने पुलिस की तेजी से उन्हें क्या आपत्ति है। पिछली सरकार में 450 दंगे हुए थे। उन्होंने पुलिस को पंगु बना दिया था। वे नहीं चाहते कि अच्छी पुलिसिंग हो। हमारी सरकार में एक भी दंगा नहीं हुआ है। एफआईआर दर्ज न करके अपराध छिपाने का तरीका ढूंढ रखा था। अब हत्या में कमी आई है। डकैती में कमी आई है। दलितों के खिलाफ होने वाली घटनाएं कम हुई हैं। सरकार प्रयास कर रही है कि किस तरह हर व्यक्ति को न्याय मिल सके। जेवर में हुए थे 15 लूट-दुराचार कांड मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली सरकार में जेवर में लूट-दुराचार के पंद्रह कांड हुए थे। सबमें गलत गिरफ्तारी कर दी गई। अब पुलिस ने असली अपराधी गिरफ्तार कर जेल भेजे हैं। झांसी में अपहरण का खुलासा हुआ है। उन्हें आपत्ति है कि आजमगढ़ में जहरीली शराब कांड में अभियुक्त का नाम क्यों बता दिया। मैं बता दूं अपराधी बख्शे नहीं जाएंगे। आजमगढ़ में गिरफ्तार अभियुक्त को अब तक राजनीतिक संरक्षण था। वर्ष 2009 और 2013 में भी वहां जहरीली शराब से मौतें हुईं अब नहीं होंगी। और खुलासे हुए तो मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ खुलासे और हैं। उन्हें उजागर कर दिया तो मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे। कैसे राजनीतिक संरक्षण पाला पोसा गया सब जानते हैं। यूपी-100 बन गया था वसूली का जरिया मुख्यमंत्री ने कहा कि डायल - 100 वसूली का अड्ढा बन गया था। अब उसमें साफ्टवेयर के जरिए सुधार किया जा रहा है। साथ ही फायर सर्विस और 108 को भी जोड़ा जा रहा है। हर दम डायल-100 पर थानेदार, सीओ और एसपी की नज़र रहेगी। हर जनपद में माडल थाने बनाए जाएंगे। दस तहसीलों में फायर स्टेशन बनेंगे। नौ नवसृजित जिलों में पुलिस अधीक्षकों के कार्यालय व आवास बनेंगे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें