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VIDEO: बहराइच और गोंडा में घाघरा का कहर हुआ तेज

नदी का जलस्तर बढ़ने से बहराइच और गोंडा के इलाकों में घाघरा तबाही मचाने लगी है। तराई के इलाकों में बारिश और नेपाली नदियों का पानी आने से घाघरा का कहर दोनों जिलों के कई गांवों पर भारी पड़ने लगा है। हाल...

एसडीएम व नायब तहसीलदार पीड़ितों से बात करते हुए।
1/ 3एसडीएम व नायब तहसीलदार पीड़ितों से बात करते हुए।
मक्के के खेत में घुसा बाढ़ का पानी। 
2/ 3मक्के के खेत में घुसा बाढ़ का पानी। 
बाढ़ के बीच हैंडपंप से पानी निकालते बच्चे।
3/ 3बाढ़ के बीच हैंडपंप से पानी निकालते बच्चे।
हिन्दुस्तान टीम,बहराइच गोंडा Fri, 07 Jul 2017 07:30 PM
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नदी का जलस्तर बढ़ने से बहराइच और गोंडा के इलाकों में घाघरा तबाही मचाने लगी है। तराई के इलाकों में बारिश और नेपाली नदियों का पानी आने से घाघरा का कहर दोनों जिलों के कई गांवों पर भारी पड़ने लगा है। हाल यह है कि कहीं गांव के गांव बाढ़ के पानी की वजह से खाली होते जा रहे हैं तो कहीं फसल लगी खेती योग्य जमीन को पानी लील ले रहा है। 

घाघरा में समाये बहराइच के 6 आशियाने और 25 बीघा कृषि भूमि
जलस्तर बढ़ने से बौंडी इलाके में घाघरा पूरे उफान पर है। शुक्रवार को घाघरा की क्रूर लहरों ने आधा दर्जन लोगों के आशियानों को निगल लिया। 25 बीघा कृषि योग्य भूमि भी घाघरा में समा गई।

तराई में लगातार हो रही बारिश व नेपाली नदियों का पानी आने से घाघरा का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है । घाघरा पूरे उफान पर आ चुकी है। जिससे कटान और तेज हो गई है। इससे गोलागंज के सुभाष पुत्र मनोहर, संतराम, पृथ्वीराज, विशाल, किशनलाल पुत्रगण सुकई व रोशनलाल पुत्र मेवालाल के मकान घाघरा नदी में समा गए हैं। महसी तहसील के गोलागंज, कायमपुर, जर्मापुर व पचदेवरी गांव पर भी घाघरा निशाना बनाए हुए है। इन गांवों की कृषि योग्य भूमि घाघरा में समाहित होती जा रही है। करीब 25 बीघा कृषि योग्य भूमि धारा में समाहित हो गई। शुक्रवार को अपरान्ह 2 बजे घूरेदेवी स्पर पर घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान 112.150 मीटर के सापेक्ष 111.230 मीटर रिकार्ड किया गया। जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

फसलों में घुसा बाढ़ का पानी 
बहराइच। घाघरा के बढ़ते जलस्तर से निचले इलाकों में पानी भरना शुरू हो गया है। खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो रही हैं। गोलागंज के मजरा राठौरन पुरवा निवासी सजीले पुत्र मुन्ना ने बताया उनकी मक्के की फसल में बाढ़ का पानी भर गया है। मजदूरी करके किसी तरह खेत में पैसा लगाया था। उसी गांव निवासी खैलू पुत्र पाटन ने बताया कि जलस्तर बढ़ने से मक्का, गन्ना व मेंथा आदि फसलें नष्ट हो रही हैं।

एसडीएम ने किया बाढ़ क्षेत्र का दौरा
बहराइच। महसी के एसडीएम नागेंद्र कुमार व नायब तहसीलदार रामचेत विश्वकर्मा ने शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के कायमपुर, पिपरी, पिपरा, गोलागंज व जर्मापुर आदि गांवों का दौरा किया। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं सुनी तथा लोगों को सचेत रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से पीड़ितों की हर संभव मदद की जायेगी।

घाघरा का प्रकोप तेज गोंडा के कई गांव खाली कराए गए
उफनाई घाघरा ने शुक्रवार को दो गांवों को निशाना बनाते हुए अपने आगोश में लिया। कल तक जिन्दगी से आबाद इन गांवों में अब अजीब सी मुर्दानगी छायी नजर आ रही है। जिन घरों में इंन्सानी जिन्दगी आबाद थी अब वहां जहरीले जीव जन्तु व जानवर अपना आशियाना बना रहे हैं। नकहरा ग्राम पंचायत के दो मजरे खाले पुरवा व राधेपुरवा अब पूरी तरह से घाघरा की जद में है। इस बीच बांध के कटान वाले हिस्से से आ रही भयंकर जलधार से आबादी वाले हिस्सों में पानी भरता जा रहा है। वहीं प्रशासन गांव वालों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर तहसील कर्मियों के माघ्यम से लंच पैकेट व बरसाती आदि वितरित करवा रहा है। साथ ही बाढ़ की जद में आने वाले अन्य गांवों में हाई एलर्ट घोषित करते हुए गांवों को खाली कराने व लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा है। मौके पर जल पीएसी को तैनान कर दिया गया है।

गुरुवार की देर शाम तक गांवों में घुसे पानी ने शुक्रवार सुबह तक पूरे गांव को ही निशाना बना डाला। लोगों को अपना सामान निकालने तक का मौका नहीं मिला। बस लोग कुछ जरूरी सामान निकाल कर जान बचा कर भागे। नकहरा ग्राम पंचायत के मजरा खालेपुरवा व राधेपुरवा सुबह तक पानी में डूब चुके थे। यहां के राजकुमार, श्रवन, चैताले, जगजीवन, गुड़िया, कुंवारे, ननकू, बेचन, दीनदयाल, संतकुमार, भगौती, बाबूराम, लल्ला, निब्बर, राधेश्याम, मुनव्वर, छीटन, प्रेमचन्द, गीतादेवी, ठाकुर प्रसाद, रामशंकर, बड़कऊ, लल्लू, जानकीशरण व जवाहिरलाल के घर पूरी तरह से पानी में डूब चुके थे। प्रसाशन इन सभी को ऊंचाई वाले स्थानों पर ले जाने में लगा है।

काम छोड़ कर भागे मजदूर
बाढ़ का पानी गोंडा जिले की सीमा पर बसे मांझा रायपुर, नैपुरा, परसावल को जलमग्न करने के साथ ही करनैलगंज तहसील की ग्राम पंचायतों को निशाना बनाना शुरू कर चुका है। जिनमें नकहरा, काशीपुर, एंव घरकुंइयां आदि प्रमुख है। जल पीएसी को पाल्हापुर बाढ़़ केंद्र पर हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गये है। गांवों में एलर्ट जारी कर दिया गया है। उधर, बांध की नोज प्रोटक्शन के कार्य में लगे मजदूर शुक्रवार को भाग खड़े हुए। घाघरा की दहशत अब ग्रामीणों में कम जिम्मेदार अधिकारियों में अधिक देखने को मिल रही है।

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