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हिन्दुस्तान मच्छर को टक्कर : संवाद में लोग बोले, मच्छरों के खात्मे के लिए लोगों को एकजुट होने की जरूरत

मच्छरों के खात्मे के लिए समाज के सभी लोगों को एकजुट होने की जरूरत है। सिर्फ सरकारी इंतजामों के भरोसे मच्छरों से निपट पाना कठिन है। क्योंकि स्वास्थ्य व नगर निगम एंटीलार्वा व फागिंग का छिड़काव कर सकती...

हिन्दुस्तान मच्छर को टक्कर : संवाद में लोग बोले, मच्छरों के खात्मे के लिए लोगों को एकजुट होने की जरूरत
वरिष्ठ संवाददाता,लखनऊ। Wed, 28 Aug 2019 12:56 PM
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मच्छरों के खात्मे के लिए समाज के सभी लोगों को एकजुट होने की जरूरत है। सिर्फ सरकारी इंतजामों के भरोसे मच्छरों से निपट पाना कठिन है। क्योंकि स्वास्थ्य व नगर निगम एंटीलार्वा व फागिंग का छिड़काव कर सकती है। 24 घंटे साफ-सफाई की जिम्मेदारी तो नागरिकों की ही हैं। यह बातें हिन्दुस्तान संवाद मच्छ रको टक्कर में निकलकर आईं।

हिन्दुस्तान दफ्तर में आयोजि‍त संवाद में स्वास्थ्य, मलेरिया विभाग, सामाजिक संगठन व स्थानीय लोगों ने शिरकत की। लोगों ने कहा कि जनसंख्या के लिहाज से संसाधन सीमित हैं। ऐसे में गांव व शहरों की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रख पाना कठिन है। अच्छे वातावरण के लिए जागरुकता जरूरी है। सभी को सफाई का पाठ पढ़ाया जाए। उसके फायदे गिनाए जाएं। व्यक्तिगत साफ-सफाई के लिए प्रति भी जागरुकता फैलाने की जरूरत है।

स्वच्छता के लिए बदले मानसिकता
अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता है। मानसिकता बदलें। तभी मच्छर को पनपने से रोक सकते हैं। लोगों का कहना है कि 2014 में डेंगू का प्रकोप बढ़ा था। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम ने रणनीति में तब्दीली की। बारिश के पहले से ही एंटीलार्वा और फागिंग की शुरुआत की। नतीजतन काफी हद तक मच्छर जनित बीमारियों पर काबू पाया गया। पॉलीथिन तमाम तरह की बीमारियों की वजह बन गया है। पॉलीथीन नाली व नालों को चोक कर रही है। इससे जलभराव की स्थिति पैदा हो रही है। गंदा पानी घर के आस-पास जमा हो रहा है। जो मच्छरों के पनपने के लिए मुफीद है। मच्छरों की रोकथाम के लिए पॉलीथीन से तौबा करें। घर से झोला लेकर ही निकले।

सड़क पर कूड़ा फेंकने वालों को रोकें
स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम के साथ जनता का भी फर्ज है कि सफाई रखें। घरों के आस-पास कूड़ा न फेंके। कूड़ेदान का इस्तेमाल करें। जल जमाव होने पर उसमें मिट्टी या फिर जला मोबिल ऑयल डाले। इससे लार्वा खत्म हो जाएंगे। नियमित कूलर की सफाई करें। घरों को सीलन से बचाएं। छत पर गमले, टायर, ड्रम आदि में पानी एकत्र न होने दें। लंबे समय तक पानी भरा होने से उसमें मच्छर पनप सकते हैं। इसके अलावा यदि किसी के घर में जलभराव है। वह सड़क पर कूड़ा फेंक रहे हैं तो उन्हें रोंके। ऐसा न करने के लिए टोंके।

बातचीत 

ज्यादा से ज्यादा कपड़े के झोले का इस्तेमाल करें। पॉलिथीन का प्रयोग पूरी तरह से बंद कर दें। पॉलिथीन न उपयोग करने से गंदी पर अंकुश लगेगा। नाले-नाली नहीं चोक होंगे। 
कृष्णानंद राय, भोजपुरी कवि, कल्याणपुर 

इलाकों में एंटीलार्वा छिड़काव, फॉगिंग सही से नहीं की जाती है। इसके लिए महकमे के अफसरों को मॉनीटरिंग करानी चाहिए। वार्डों में सफाई कमेटी का गठन हो, पार्षद की मनमानी न हो। 
सपना तिवारी, डिप्टी डिवीजन वार्डेन, अलीगंज 

लोगों को खुद की जिम्मेदारी समझनी होगी। घर से लेकर मोहल्ले व आस-पास इलाके में सफाई पर विशेष ध्यान देना होगा। सूखा-गीला कूड़ा घर से पृथक करके कूड़ेदान में डालना चाहिए। 
रीता सिंह, सरल केयर फाउंडेशन, हुसैनगंज 

इलाके में गलियां साफ नहीं की जाती हैं। नगर निगम के सफाई कर्मी आते नहीं हैं। एंटीलार्वा का छिड़काव और फॉगिंग नहीं की जाती है। शिकायतों पर संज्ञान नहीं लिया जाता। 
ज्योति ठाकुर, बड़ा बरहा, आलमबाग 

सारी नालियां चोक रहती हैं। सरकारी विभाग के कर्मचारी समय पर काम नहीं करते हैं। जब भी कहीं कोई बड़ी घटना हो जाती है तो संबंधित विभाग के लोग पहुंचते हैं। उससे पहले कोई नहीं सुनता। 
मानसी तिवारी, समाजसेवी, राजाजीपुरम 

सभी विभाग के अफसरों को समयानुसार नियमित रूप से इलाकों में काम कराना चाहिए। दिन के हिसाब से इलाकों में फॉगिंग आदि होना चाहिए। हम सब खुद भी जागरुक रहें। 
शशी सिंह, हैलो फाउंडेशन, इन्दिरा नगर 

संविधान में सभी के अधिकार और कर्तव्य दिए गए हैं। हम सभी को अपने कर्तव्य के प्रति जागरुक होना चाहिए। सरकार द्वारा उठाए गए कदम में जानमानस को सहयोग करना होगा। 
मानस सांकृत्यायन, गंगासेवक/पर्यावरणविद्, विकास नगर 

मच्छर को पनपने और मच्छरजनित बीमारी को रोकने के लिए हम सभी को सबसे पहले जागरुक होना होगा। परिवार के हर सदस्य को स्वच्छता के प्रति जागरुक करना होगा। 
मानवेंद्र सिंह, यूपीपीएमएलटी एसो., बंगला बाजार 

खुद की जिम्मेदारी को समझना होगा। अपने क्षेत्र में सरकारी कामकाज पर नजर रखनी चाहिए। विभाग द्वारा उचित तरीके से काम कराया जा रहा है या नहीं। उसी वक्त टोकना होगा। 
डॉ. आरके अवस्थी, यूपीपीएमएलटी, बालागंज 

खुद के साथ औरों को जागरुक करें। सफाई में आमजन की सहभागिता जरूरी है। सोशल हाइजीन पर विशेष ध्यान दें। जनसंख्या और कैंसर के इलाज पर सरकार को ठोस कदम उठाना होगा। 
श्रीमती निर्मला पंत, लखनऊ कैंसर इंस्टीट्यूट, जियामऊ 

एकजुटता से ही सब काम संभव है। मच्छर के खात्मे के लिए सरकारी विभागों के साथ आमजन को जुड़ना होगा। राजाजीपुरम इलाके में मच्छर पनपने वाले इलाके में खुद से सफाई कराई गई। 
कुलदीप श्रीवास्तव, मानव वेलफेयर सोसायटी, राजाजीपुरम 

इलाके में जलभराव की समस्या है। नालियों से लेकर गलियों में पानी भर जाता है। बारिश के दिनों में बुरा हाल रहता है। कोई भी व्यक्ति पैदल गली या सड़क तक से नहीं निकल पाता। 
सुशील पुरी, समाजसेवी, कृष्णा नगर 

पार्कों में कूड़ा न डालें। कब्जा न करें। पार्क बच्चों के खेलने के लिए होता है। साथ ही लोग पार्क की हरियाली के बीच सुबह-शाम सैर करते हैं। गंदगी होने से बीमारी फैलती है। 
शैलेंद्र वर्मा, समाजसेवी, लाला लाजपत राय वार्ड 

इलाकों में फॉगिंग नहीं की जाती है। चारबाग, पानदरीबा जैसा इलाके में सफाई व्यवस्था दुरूस्त नहीं है। फॉगिंग, एंटीलार्वा छिड़काव नहीं होता है। जबकि इलाके में होटलों में ज्यादातर बाहरी लोग आते हैं। 
अजय राजपूत, डिप्टी डिवीजन वार्डेन, चारबाग 

आधुनिकता के युग में हम मच्छर की समस्या से पीड़ित हैं। हमको खुद समस्या से लड़ना है। इसलिए स्वच्छता की बेहतर नींव हेतु प्राइमरी एजूकेशन में बच्चों को सफाई आदि के लिए पढ़ाना चाहिए। 
डॉ. आदित्य वर्मा, प्रबुद्ध आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, राजाजीपुरम 

शहर का विकास अनियोजित तरीके से किया गया है। जहां पर प्राथमिक सुविधाएं तक नहीं हैं। समस्या से पहले निदान के लिए काम करना चाहिए। सरकार मूलभूत सुविधाएं दे। 
भूपेंद्र शर्मा, समाजसेवी, इन्दिरा नगर 

रायबरेली रोड समेत राजधानी के अन्य इलाकों में नगर निगम, एलडीए का दायरा बढ़ा है। पर, वहां पर सुनियोजित तरीके से विभाग काम नहीं कर रहे हैं। इलाकों में गंदगी पूरी तरह से व्याप्त है। 
सतीश मिश्रा, कर्मचारी नेता पीजीआई, बंगला बाजार 

सफाई बहुत जरूरी है। इलाके को स्वच्छ रखें। लोगों के घरों की छत पर प्लास्टिक के डिब्बों आदि में पानी न जमा होने दें। बुखार आने पर डॉक्टर से ही दवा लें। वायरल बुखार तक में खुद से दवा, इंजेक्शन लेना गलत है। 
डॉ. प्रशांत तिवारी, चंदन हॉस्पिटल, विभूतिखंड 

हम सभी को अपने घर और मोहल्ले में सफाई रखनी चाहिए। हम खुद ही मच्छर जनित स्थित पैदा करते हैं। घर के कूड़े को बाहर खुले में फेंक देते हैं, जो नालियों में जाकर फंस जाता है। 
मदन मुरारी सिंह, कर्मचारी नेता पीजीआई, रायबरेली रोड 

महामारी न होने दें। डेंगू मेडिकल बीमारी नहीं है। यह म्यूनिसिपल बीमारी है। बचाव ही इसका बेहतर इलाज है। यह एक वायरल फीवर है, जिसकी मेडिसिन उपलब्ध नहीं है। मॉलीक्यूलर मेडिसिन में हम लक्षणों का इलाज करते हैं। इसलिए बेहतर है कि इसे होने ही न दिया जाए। इसके लिए पहले नगर निगम, फिर स्वास्थ्य महकमे को ध्यान देना होगा। सबसे अहम जिम्मेदारी हम सभी की है। हर किसी को व्यक्तिगत व सार्वजनिक सफाई पर देना चाहिए। गंदगी की वजह से लोगों को 40 फीसदी बीमारियां होती हैं। लोगों को वेलनेस पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत है। बीमारी होने पर उसका सही से इलाज कराना चाहिए। 
डॉ. पीके गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष आईएमए, रायबरेली रोड 

जुलाई से अक्तूबर तक मच्छर पनपने का समय है। बिना जागरुकता के बीमारी पर काबू नहीं पाया जा सकता है। मलेरिया विभाग और सीएमओ की ओर से शुरुआती समय से ही मच्छर जनित स्थिति और बीमारी से बचाव के लिए जागरुकता फैलायी जा रही है। इसमें फाइट द बाइट, संचारी रोग, दस्तक जैसे अभियान निरंतर चल रहे हैं। इसके जरिए घर-घर जागरुकता फैलायी जा रही है। यही नहीं स्कूलों में बच्चों को जागरुक करने के उद्देश्य से राजधानी में 1624 शिक्षकों को नोडल शिक्षक नामित कर प्रशिक्षित किया जा चुका है, जो कि अपने स्कूल में छात्रों को जागरुक करने, रैली निकालने, विभिन्न तरह की प्रतियोगिता का आयोजन कर रहे हैं। मच्छरजनित स्थिति नहीं पैदा होंगी तो मच्छर घटेंगे और बचाव होगा। 
डीएन शुक्ला, जिला मलेरिया अधिकारी, लखनऊ 

स्वास्थ्य महकमा बेहतर तरीके से काम कर रहा है। बीते साल में जिन प्रभावित इलाकों में मच्छरजनित बीमारी ने भयावह रूप लिया था। आज वहां पर लगातार स्वास्थ्य शिविर, दवा वितरण, मरीजों की जांच की जा रही है। घर-घर जाकर लोगों को जागरुक कर रहे हैं। विभाग के अफसर से लेकर कर्मचारी नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। अर्बन एरिया को चार वार्डों में बांटा गया है, जिसमें चार मलेरिया इंस्पेक्टर के साथ 50 से ऊपर कर्मचारी लगे हैं। विभाग से करीब 130 कर्मचारी छिड़काव के लिए लगे हैं। एंटीलार्वा का छिड़काव हर 15 दिन पर एक इलाके में करायी जा रही है। अब तक 800 से अधिक लोगों को मच्छर जनित स्थिति पैदा करने और लार्वा मिलने पर नोटिस, जुर्माना वसूला जा चुका है। स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी भी स्कूलों में जागरुकता कर रहे हैं। आमजन को घर से ही स्वच्छता पर ध्यान देना चाहिए। पॉलीथीन का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए और कूड़े को पृथक कर सफाईकर्मी को देना चाहिए। या निर्धारित स्थान पर फेंकना चाहिए। 
डॉ. डीके बाजपेयी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, लखनऊ 

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