हिन्दुस्तान आपके द्वार:: अतिक्रमण, कब्जे से सिकुड़ गईं एलडीए कॉलोनी की सड़कें
अतिक्रमण, कब्जे से सिकुड़ गईं एलडीए कॉलोनी की सड़कें अवैध तरीके से पहले...
अतिक्रमण, कब्जे से सिकुड़ गईं एलडीए कॉलोनी की सड़कें
अवैध तरीके से पहले लोगों ने कांप्लेक्स, दुकानें बनाई, सड़क पर अतिक्रमण किया, फिर आवाजाही का रास्ता रोका
लखनऊ। प्रमुख संवाददाता
अतिक्रमण, अवैध कब्जे तथा अवैध निर्माण से एलडीए कॉलोनी कानपुर रोड के लोग परेशान है। पहले तो यहां कुछ लोगों ने सड़कों पर सटाकर अवैध तरीके से बड़े-बड़े कंपलेक्स बना लिए हैं। फिर उसके अगल-बगल अतिक्रमण कर लिया है। 10 फुट तक सड़क घेर लिया है। जिससे लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया है। कानपुर रोड के सेक्टर एफ चौराहे से लेकर चुंगी तक मुख्य मार्ग का यही हाल है।
हिन्दुस्तान आपके द्वार टीम ने रविवार को सेक्टर एफ एलडीए कॉलोनी कानपुर रोड का दौरा किया। क्षेत्र में वैसे तो तमाम समस्याएं हैं, लेकिन अतिक्रमण और अवैध कब्जे की वजह से लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के आगे सेक्टर एफ मुख्य चौराहे की हालत बेहद खराब है। एक तरफ यहां ब्रास बैंड वालों ने कब्जा कर रखा है तो दूसरी तरफ इस चौराहे पर बीच सड़क पक्की दुकान बन गई है। सामने की तरफ एक क्लब बना है। जिसने काफी आगे तक सड़क घेर रखी है। कई अन्य लोगों ने दुकानें घेरी हैं। जिसकी वजह से इस चौराहे पर भीषण जाम लगता है। सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं भी इसी चौराहे पर होती हैं। सेक्टर एफ पराग डेयरी चौराहे पर विराज नर्सिंग होम के ठीक सामने एक बड़ा सा कंपलेक्स बना है। इस कांप्लेक्स ने सामने तथा मोड़ पर दोनों तरफ सड़क घेरकर कब्जा कर रखा है। लोहे के एंगल लगाकर इस पर दुकानें लगती है। जिसकी वजह से यहां कॉलोनी की तरफ जाने वाली गाड़ियां मुड़ ही नहीं पाती हैं। यहां भी इसी वजह से जाम लगता है। चुंगी से पहले ट्रांसपोर्ट नगर वाले मोड़ पर भी अवैध तरीके से कब्जा है। यहां भी शाम को भीषण जाम लगता है।
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लोहिया विश्वविद्यालय सहित कई स्कूल कॉलेज से बच्चों को ही भारी दिक्कतें
सेक्टर एफ चौराहे के 500 मीटर के दायरे में चार बड़े स्कूल तथा संस्थान है। डॉक्टर राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय 300 मीटर दूर है। इसी के पास बना डॉ भीमराव अंबेडकर ऑडिटोरियम भी है। पास में ही विश्वनाथ एकेडमी तथा न्यू पब्लिक इंटर कॉलेज भी है। जिसकी वजह से यहां से आने जाने वाले बच्चों को भी बहुत दिक्कतें होती। चौराहे के पास ही 3- 3 शराब की दुकानें हैं। जो लोगों की परेशानी और बढ़ाती है।
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पुलिस कॉलोनी, गंदगी और चोरों के ठिकाने के रूप में पहचानी जाती है
यहां सेक्टर एफ में पुलिस कॉलोनी बनी है। इसमें कुछ कमरे में तो पुलिस वाले रहते हैं लेकिन बाकी कमरे खाली पड़े हैं। इनमें खिड़की दरवाजे तक नहीं है। इसकी वजह से इसमें लोग टॉयलेट करते हैं। आस-पास खड़े होना मुश्किल रहता है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि यह चोरों तथा स्मैकियों के ठिकाने के रूप में पहचानी जाती है।
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6 महीने से खराब है पानी की टंकी और नलकूप
यहां पानी की टंकी तथा नलकूप 6 महीने से खराब है। लोगों को पानी की जबरदस्त दिक्कत हो रही है। लेकिन जलकल के अधिकारी ध्यान ही नहीं देते। टंकी काफी बड़ी है। जब सही थी तो पूरे इलाके में अच्छे से पानी का सप्लाई होता था। लेकिन जब से बंद हुई है पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है।
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वन विभाग के पार्क में कब्जा
वन विभाग के पार्क में कब्जा है। इसमें एक तरफ ब्रास बैंड वाले दूसरी तरफ गाड़ियों का गैराज, मोटर मकैनिक तथा तीसरी तरफ लोहे की अलमारियां बनाने वाले लोगों ने कब्जा कर रखा है। एलडीए ने इसे वन विभाग को विकसित करने के लिए दिया था। लेकिन अब इसमें कब्जा हो गया है।
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ईडब्ल्यूएस की तरफ पूरा नाला ही बंद
सेक्टर एफ ईडब्ल्यूएस कॉलोनी की तरफ रेलवे लाइन की दूसरी तरफ निकलने वाला नाला पूरी तरह बंद हो गया है। इसकी वजह से यहां भीषण जलभराव होता है।
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यह भी है समस्याएं
--कॉलोनी की सड़कें कई जगह खराब हैं
-- कॉलोनी के बीच में गाय भैंस के तबेले चल रहे हैं। जिसकी वजह से भीषण गंदगी है।
-- नगर निगम के सफाई कर्मचारी नियमित नहीं आते हैं।
-- पार्कों में झाड़ू नहीं लगती है। जिससे पार्क काफी गंदे व जंगल जैसे दिख रहे हैं।
-- कई जगह कूड़े कचरे तथा गंदगी का ढेर मिला, 2/273 मकान के सामने कचरे का ढेर है।
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कॉलोनी एक नजर में
--कॉलोनी के आसपास कई प्रमुख कालेज तथा विश्वविद्यालय हैं
-- यहां की आबादी लगभग एक लाख है
--कॉलोनी एक तरफ कानपुर रोड और दूसरी तरफ डॉक्टर भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी से जुड़ती है।
--डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय इसी के करीब है।
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अतिक्रमण हटाकर कॉलोनी की समस्या का समाधान कराया जाएगा। जी 20 सम्मेलन के बाद यहां अभियान लगाकर कार्यवाही की जाएगी। अन्य समस्याओं का भी निदान किया जाएगा।
सुजीत कुमार श्रीवास्तव, जोनल अधिकारी, नगर निगम