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हिमांशु बाजपेई

बुलंद हौसलों से जीती गई सन 71 की जंग लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता 1971...भारत-पाकिस्तान...

हिमांशु बाजपेई
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊSat, 27 Nov 2021 08:45 PM
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बुलंद हौसलों से जीती गई सन 71 की जंग

लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता

1971...भारत-पाकिस्तान युद्ध...ऐसा युद्ध जो हथियारों से ज्यादा सेना के बुलंद हौसलों से जीता गया...वरना पाकिस्तान की तीन हजार की सेना और उनके सामने महज 120 भारतीय सैनिक...आसान नहीं था कि दुश्मन को सरहद से वापस खदेड़ा जा सके।

सन 71 के युद्ध की ऐसी ही, कुछ सुनी, कुछ अनसुनी दास्तां, लोगों को सुनाई दास्तानगो हिमांशु बाजपेई और प्रज्ञा शर्मा ने। शनिवार की शाम स्वर्णिम विजय वर्ष के अंतर्गत, मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल में, कैंट स्थित रेसकोर्स के पास पुनीतनाथ दत्त ऑडिटोरियम में 'किस्सागोई-1971' की प्रस्तुति हुई। कार्यक्रम में हिमांशु व प्रज्ञा ने 1971 के युद्ध से जुड़े कई तथ्य दास्तान की शक्ल में सुनने वालों के सामने रखे। उन्होंने बताया कि चार दिसम्बर 1971 को रात आठ बजे अचानक लौंगेवाला सीमा पर चहलकदमी शुरू हुई। पता चला कि पाकिस्तान के तीन हजार सैनिक 60 टैंक लेकर आ रहे हैं। सूचना मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी तक पहुंची, उनसे पीछे हटने को कहा गया क्योंकि उस वक्त वहां केवल 120 भारतीय सैनिकों की टुकड़ी मौजूद थी। मेजर कुलदीप ने पीछे हटने से मना कर दिया और 120 सैनिक पूरी ताकत से दुश्मन पर टूट पड़े। लड़ाई आसान नहीं थी लेकिन भारतीय सैनिकों के जोश के आगे सारी मुश्किलें फीकी होती नजर आईं। आगे जो हुआ, जिस तरह से यह जंग जीती गई, वह इतिहास में दर्ज है। हिमांशु व प्रज्ञा ने यहां पाकिस्तान से अलग होगा बांग्लादेश बनने की कहानी भी लोगों को बताई।

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