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आयुर्वेदिक नुस्खों से रखें दिल का ख्याल, नहीं होगा हॉर्ट फेल

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आयुर्वेदिक नुस्खों से रखें दिल का ख्याल, नहीं होगा हॉर्ट फेल
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊFri, 28 Sep 2018 08:00 PM
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लखनऊ। निज संवाददाता आयुर्वेदिक नुस्खों से दिल की बीमारी से बचा जा सकता है। बदलती जीवनशैली में आयुर्वेद के घरेलू नुस्खे काफी लाभदायक रहेंगे। विश्व हृदय दिवस के पूर्व टूड़ियागंज स्थित राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के कायचिकित्सा प्रमुख डॉ. कमल सचदेवा ने बताया कि अब युवाओं में भी दिल की बीमारी देखी जा रही है। इसलिए जरूरी है कि हम बदलती जीवनशैली में खुद को मजबूत करें। तुलसी का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल और ब्लडप्रेशर नियंत्रित रहता है। जबकि लहसुन का प्रयोग करने से हृदय मजबूत होता है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए अर्जुनछाल पाउडर (आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी) को शहद में गर्म पानी के साथ मिलाकर पीने से भी बहुत फायदा होता है। पुष्कर मूल और ब्राह्मी से चेस्ट पेन, अर्जुना जनरल हॉर्ट केयर,अभ्रक भस्म और जवाहर मोहरा कार्डियोजेनिक शॉक कंडीशन में प्रयोग करना चाहिए। इसके लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर से सही डोज का पता करना भी बहुत जरूरी है। 35 वर्ष के अंदर 10 फीसदी तक हो रहे बीमार कुर्सी रोड स्थित एसएस हॉर्ट केयर सेंटर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. साजिद अंसारी ने बताया कि कम उम्र के लोगों में दिल की बीमारी हो रही है। अब तक यह बीमारी 55 या 60 वर्ष के लोगों में पायी जाती थी। लेकिन अब बदलती जीवन शैली, काम का दबाव और तनाव लेने से यह बीमारी 35 से 40 वर्ष तक के युवाओं में देखने को मिल रही है। जो कि चिंता का विषय है। डॉ. साजिद ने प्रेसक्लब में प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि 35 वर्ष तक पांच से 10 फीसदी युवाओं में दिल की गंभीर बीमारी हो रही है। हॉर्ट अटैक के लिए धूम्रपान बहुत ही ज्यादा खतरनाक है। अब युवा तनाव दूर करने और शौक के लिए भी खानपान के साथ कम उम्र में ही सिगरेट का प्रयोग कर रहे हैं। साथ ही लोग चिकनाई वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं। फल और हरी सब्जियों की जगह जंक फूड का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं। समाज में हृदय रोगों (सीवीडी) की चिंताजनक स्थिति है। सीवीडी में मुख्य तौर पर इस्केमिक हृदय रोग और स्ट्रोक आते हैं।

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