बोले लखनऊ : जीएसटी की नई दरों से ग्राहकों को फायदा पर वन ट्रेड-वन टैक्स व्यवस्था लागू हो
Lucknow News - जीएसटी की 55वीं बैठक में व्यापारियों ने दो स्लैब किए जाने को सुखद निर्णय बताया है। उन्होंने कहा कि इससे आमजन को लाभ मिलेगा, लेकिन व्यापारियों को इससे कोई खास फायदा नहीं होगा। व्यापारियों ने वन नेशन,...
जीएसटी की 55वीं बैठक में दो स्लैब किए जाने पर व्यापारियों ने इसे सुखद फैसला बताया है। व्यापारियों का कहना है कि इसका सीधा फायदा आमजन को मिलेगा, लेकिन व्यापारियों को इससे कोई लाभ नहीं पहुंचेगा। व्यापारियों ने वन नेशन, वन ट्रेड, वन टैक्स की मांग की है। जीएसटी भरने की जटिलताओं को कम किया जाना बहुत जरूरी है। जीएसटी काउंसिल को इस दिशा में ठोस कदम उठाना चाहिए। काउंसिल को चाहिए कि वह एक उत्पाद पर उसके निर्माण से लेकर बिक्री तक एक ही टैक्स रखे। तभी खरीदारों और व्यापारियों को राहत मिलेगी। वहीं लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर 18 प्रतिशत जीएसटी समाप्त होने पर बीमा सलाहकारों ने हजरतगंज में आतिशबाजी कर जश्न मनाया।
आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने गुरुवार को ‘बोले लखनऊ के तहत शहर के इलेक्ट्रॉनिक, कपड़ा, दवा, फर्नीचर, सीमेंट सहित अन्य कारोबारियों व व्यापार संगठनों के साथ संवाद किया। लखनऊ व्यापार मंडल ने गुरुवार को लाटूश रोड स्थित कार्यालय पर संवाद किया। इस दौरान संगठन के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा ने कहा कि वन ट्रेड वन टैक्स लागू किया जाना बहुत जरूरी है। जीएसटी के स्लैब को घटाने और बढ़ाने से आमजन और व्यापारियों किसी को फायदा नहीं पहुंचने वाला है। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल के फैसले देखने में बड़े उत्साहवर्धक लगते हैं, लेकिन कई जगह स्थिति स्पष्ट नहीं है। जैसे धागे पर मानव निर्मित पर पांच फीसदी, जिस पर आईटीसी अनुमन्य नहीं है। एक्रेलिक, नायलॉन पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। शायद 18 फीसदी हुआ है। यदि ऐसा है तो निर्यातकों को क्या फायदा होगा। जब यूएस ने टैरिफ लगाया है। यदि सभी तरह के रेडीमेड कपड़े पर पांच फीसदी टैक्स होता तो निर्यातकों को लाभ मिलता। संगठन के वरिष्ठ महामंत्री पवन मनोचा ने कहा कि त्योहारों का सिलसिला लगभग शुरू हो चुका है। दशहरा, दीपावली नजदीक है। ऐसे में ज्यादातर व्यापारियों ने कंपनियों से माल पहले से ही खरीदकर स्टॉक कर लिया है। मैन्युफैक्चर जब रॉ मटेरियल (कच्चा माल) महंगा खरीदेगा तो सस्ती दरों पर कैसे बेचेगा? अलग-अलग एचएसएन कोड से व्यापारी पहले ही परेशान है। अब उपभोक्ताओं ने तो आज से ही मान लिया कि सब सस्ता हो गया है, लेकिन व्यापारी पूरी तरह से उलझा हुआ है। व्यापारी विशाल अग्रवाल व जितेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि स्टेशनरी में कटर, कागज को टैक्स फ्री किया गया है, लेकिन कटर और कागज से बनने वाले उत्पाद पर पांच से 18 फीसदी तक टैक्स है। मसलन, कटर को तैयार करने के लिए स्टील और प्लास्टिक पर 18 फीसदी टैक्स है। ऐसे में कटर के दाम कैसे कम होंगे। ऐसे ही कागज और कॉपी पर पहले 12 फीसदी टैक्स था। अब कागज पर 18 फीसदी और कॉपी को टैक्स फ्री कर दिया है। कॉपी को तो कागज खरीदकर ही तैयार किया जाएगा। ऐसे में कॉपी टैक्स फ्री कैसे हो सकेगी और उसका दाम कैसे कम होगा। जीएसटी काउंसिल ने स्लैब को दो भागों में करके वाहवाही लूटने की कोशिश तो की है, लेकिन ग्राहक को किसी तरह से फायदा नहीं पहुंचने वाला है। संवाद कार्यक्रम में संगठन के कोषाध्यक्ष देवेंद्र गुप्ता, लखनऊ किराना कमेटी के महामंत्री प्रशांत गर्ग, कपड़ा कारोबारी अनिल बजाज और साइकिल एसोसिएशन के पदाधिकारी जगजीत सिंह जग्गा, राजेंद्र अग्रवाल, विनीत गुप्ता, राजीव अग्रवाल, श्याम मूर्ति गुप्ता, संजीव अग्रवाल, विनोद माहेश्वरी, विशाल अग्रवाल, सुरेश कुमार, रूबल, राजा मक्कड़, ओम सुखवानी, विजय निर्वाण, अमर सिंह सहित कई व्यापारी मौजूद थे। --------------- लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस सलाहकारों ने आतिशबाजी की देश के मिडिल क्लास व आम आदमी के लिए जीएसटी काउंसिल ने लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी समाप्त कर दिया है। इस निर्णय से खुश लाइफ और इंश्योरेंस से जुड़े सलाहकारों ने गुरुवार को हजरतगंज में आतिशबाजी कर जश्न मनाया। लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस एडवाइजर अर्चित मिश्रा ने कहा कि सरकार का फैसला ऐतिहासिक है। पहले 12 लाख तक टैक्स फ्री इनकम और अब लाइफ और हेल्थ इंश्युअरेंस के प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी से शून्य पर लाना बहुत बड़ा कदम है, जो आम आदमी और मिडल क्लास के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। सरकार ने मिडल क्लास को और इंश्युअरेंस इंडस्ट्री इस रिफार्म से संजीवनी दे दी है जो देश को नए युग में लेकर जाएगा। आनंद प्रकाश शुक्ला, जानू शुक्ला, उमाकांत दुबे और संदीप यादव ने कहा कि कहा कि काफी समय से सरकार पर मूलभूत सुविधाओं में से एक इंश्युअरेंस प्रीमियम पर पड़ने वाले जीएसटी को हटाने को लेकर दबाव बना रहे है मोदी सरकार का फैसला मील का पत्थर साबित होगा और लोग बचत व हेल्थ इंश्युअरेंस के प्रीमियम पर होने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी के लाभ को 22 सितंबर से उठा सकेंगे। --------------------- सीमेंट कारोबारी बोले, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में मिलेगी मदद सीमेंट पर जीएसटी की दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। सीमेंट इंडस्ट्री ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। अर्फोर्डेबल हाउसिंग में 30-35 प्रतिशत कॉस्टिंग सीमेंट की होती है। ऐसे में सेक्टर को बड़ा ब्रूस्ट मिलेगा जो लंबे समय से राहत की उम्मीद कर रहा था। गुरुवार को इंदिरानगर में आयोजित हिन्दुस्तान संवाद में उत्तर प्रदेश सीमेंट व्यापार संघ के अध्यक्ष श्याम मूर्ति गुप्ता ने कहा कि इस कटौती से घरेलू निर्माताओं को आर्थिक मजबूती मिलेगी और देश में बुनियादी ढांचे के विकास की गति तेज होगी। इस अवसर पर प्रवीण खंडेलवाल, मनीष मोदी, मनीष अग्रवाल, विनोद गर्ग, रणविजय सिंह, राजीव अरोड़ा, अर्पित जैन, जिमी गर्ग, कुलदीप गुप्ता, मुद्दस्सीर नजर व अंकुर अग्रवाल ने बताया कि इस बदलाव से न केवल उत्पादन लागत घटेगी बल्कि बाजार में प्रतिस्पर्धा भी बेहतर होगी। --------------- रोजमर्रा की वस्तुओं से जीएसटी हटाने व घटाने से जनता को मिलेगा लाभ उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल ने जीएसटी काउंसिल के फैसले का स्वागत किया है। गुरुवार को संगठन ने अयोध्या रोड स्थित प्रदेश कार्यालय में परिचर्चा की। इस दौरान भारत की अर्थव्यवस्था एवं भारतीय बाज़ार पर प्रभाव के विषय पर चर्चा की। संगठन के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा कि 05 प्रतिशत एवं 18 प्रतिशत के दो स्लैब होने से जनता को लाभ होगा। साथ ही जनता की जेब पर कम बोझ पड़ेगा, जिससे जनता की क्रय क्षमता बढ़ेगी, जिससे देश में उत्पादों की मांग बढ़ेगी। नतीजतन देश का एमएसएमई सेक्टर मजबूत होगा। उन्होंने सरकार से ई-कॉमर्स पॉलिसी एवं रिटेल ट्रेड पालिसी की ओर अगला कदम रखने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा परंपरागत व्यापारियों को बचाने के लिए जल्द विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के शिकंजे से बचाना होगा। देश के पंरपरागत व्यापारी बच पाएंगे। उन्होंने सीमेंट पर 28 प्रतिशत से 18 प्रतिशत स्लैब किए जाने का दूरगामी परिणाम बताया। उन्होंने कहा रियल स्टेट सेक्टर को जितना बढ़ावा मिलेगा। संगठन के नगर अध्यक्ष हरजिंदर सिंह ने जीएसटी की विसंगतियों को और सरल किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा व्यापारियों को स्लैब में परिवर्तन से सीधा लाभ नहीं मिलता है। सरकार को इस बात की चिंता करनी चाहिए कि व्यापारी जीएसटी की लिखा पड़ी में कम उलझे। संगठन के नगर वरिष्ठ उपाध्यक्ष स्वर्गेश मिश्रा, ट्रांस गोमती प्रभारी मनीष पांडेय, ट्रांस गोमती अध्यक्ष अनिरुद्ध निगम, चश्मा व्यापारी राजेश गुप्ता, मिठाई व्यवसायी दिनेश शर्मा व फर्नीचर व्यापारी इकबाल हसन सहित कई व्यापारी उपस्थित थे। --------------- जीएसटी दरें कम होने से कारोबार में वृद्धि होगी उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल ने जीएसटी सुधार के निर्णय का स्वागत किया है। लखनऊ इकाई के अध्यक्ष अमरनाथ अग्रवाल एवं महामंत्री योगेंद्र सिंह ने कहा कि नई जीएसटी प्रणाली से रोटी, पराठा, पैकेटबंद दूध, पनीर, पिज़्ज़ा, ब्रेड पेंसिल, नोटबुक सहित 33 जीवन रक्षक दवाओं पर जीएसटी खत्म हो गई है, जिससे गरीब जनता को बहुत राहत मिलेगी। इसके अलावा हेयर ऑयल, शैंपू, मंजन, साबुन, घी, मक्खन, पनीर, बर्तन भुजिया, सिलाई मशीन व किसानों के उपकरण ट्रैक्टर टायर, थ्रेसिंग की मशीन, घास कटिंग मशीन, किसानों के उपकरण में जीएसटी दर 12-18 प्रतिशत थी, जिनकी दरे घटाकर 05 प्रतिशत जीएसटी की गई है, जिससे रोजमर्रा की वस्तुएं काफी सस्ती हो जाएगी, जिससे आम जनमानस को बहुत राहत मिलेगी। --------------- बोले व्यापारी जीएसटी सुधारों से उपभोक्ताओं को लाभ होगा। व्यापार करने में आसानी होगी और छोटे व्यापारियों, उद्यमों और उद्योग के लिए नए अवसर पैदा होंगे, विकसित भारत के दृष्टिकोण को मज़बूत करेंगे और भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में ले जाएंगे। इन व्यापक-आधारित जीएसटी दर युक्तिकरण और प्रक्रिया सुधारों का उद्देश्य नागरिकों के लिए जीवन में आसानी बढ़ाना और खपत में वृद्धि करना है। मुकेश सिंह अध्यक्ष, यूपी कोआर्डिनेशन कमेटी, इंडो अमेरिकन चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स भारतीय उद्योग जगत की ओर से, मैं प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को इन सुधारों को आगे बढ़ाने में उनके दूरदर्शी नेतृत्व के लिए हार्दिक बधाई देता हूं। उद्योग जगत का दृढ़ विश्वास है कि ये सुधार भारत के विकास पथ को सुदृढ़ करेंगे और व्यवसायों एवं नागरिकों के बीच विश्वास को मज़बूत करेंगे। अंजनी कुमार पांडेय, बिज़नेस हेड, लखनऊ एवं अयोध्या ओमेक्स लि. रियल एस्टेट क्षेत्र में सरकार द्वारा घोषित नए जीएसटी सुधार भरोसे और पारदर्शिता के नए अध्याय की शुरूआत है। सीमेंट और स्टील पर 28 से घटाकर 18 प्रतिशत किए गए जीएसटी से अब फ्लैट व घर के निर्माण की लागत कम हो जाएगी। ऐसे में घर खरीदने और अपने सपनों का आशियाना बनाने वाले लाखों परिवारों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। खालिद मसूद, मैनेजिंग डायरेक्टर, शालीमार कॉर्प हेल्थ और इंश्योरेंस पर जीएसटी समाप्त करने व सिर्फ़ 05 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दर के दो स्लैब करने से ज़रूरत की कई वस्तुओ में निश्चित रूप से कीमतें कम होंगी और कीमतें कम होने से लोग ख़र्च ज़्यादा करेंगे इससे व्यापार व उद्योग बढ़ेगा। ज्ञानेश मिश्र प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी के दो स्लैब किये हैं। इससे वस्तुओं के दाम कम होंगे। चिकनकारी व्यवसाय में दर को 12 प्रतिशत से घटकर 05 प्रतिशत कर दिया है। इससे चिकन व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। व्यापारियों की भी परेशानियां कम होगी, क्योंकि अभी व्यापार थमा हुआ है। 22 सितंबर के बाद जब यह निर्णय लागू होगा। इसका फायदा मध्यवर्गीय हर आम जनता सहित सभी वर्गों को मिलेगा। सुरेश छाबलानी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, लखनऊ चिकनकारी हैंडीक्रॉफ्ट एसोसिएशन जीएसटी दरों में हालिया संशोधन से अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, खासकर मांग में वृद्धि और आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली में व्यापक प्रभाव पड़ेगा। स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम से जीएसटी हटाने से चिकित्सा सुरक्षा के दायरे में अधिक लोगों को शामिल करने में मदद मिलेगी। डा. उपासना अरोड़ा, अध्यक्ष, सीआईआई यूपी जीएसटी दरों में कटौती सरकार का एक स्वागत योग्य कदम है, जिससे उत्तर प्रदेश के एसएमई और एमएसएमई क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। इससे उत्तर प्रदेश में उद्योग की विनिर्माण क्षमता का विस्तार करने में भी मदद मिलेगी। स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम से जीएसटी हटाने से चिकित्सा सुरक्षा के दायरे में बड़ी संख्या में लोगों को शामिल करने में मदद मिलेगी। अभिषेक सर्राफ उपाध्यक्ष, सीआईआई उत्तर प्रदेश ये सुधार उच्च-प्रौद्योगिकी और रक्षा-उन्मुख विनिर्माण के लिए सकारात्मक कदम हैं। अनुपालन को सरल बनाकर और कर ढांचे का तार्किकीकरण करके सरकार ने उद्योग को उन्नत क्षमताओं में निवेश करने के लिए अधिक विश्वास प्रदान किया है। पुनीत कौरा, डिप्टी चेयरपर्सन, सीआईआई उत्तरी क्षेत्र नेक्स्ट-जेन जीएसटी सुधार अनुपालन को सरल बनाने, पारदर्शिता बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार की सहजता को प्रोत्साहित करने की एक ऐतिहासिक पहल है। ये सुधार न केवल निवेशकों के विश्वास को मजबूत करेंगे, बल्कि मांग और अर्थव्यवस्था में वृद्धि को भी बल देंगे। अंजलि सिंह, चेयरपर्सन, सीआईआई उत्तरी क्षेत्र पहले कपड़े पर कोई टैक्स नहीं था, लेकिन जीएसटी लागू होते ही कपड़ों पर जीएसटी दरें 05 व 12 प्रतिशत लागू की गई, लेकिन अब रेडीमेड कपड़ों में 2500 रुपए की खरीद को लग्जरी में रखते हुए इसे 18 प्रतिशत जीएसटी में सुधार के नाम पर बढ़ा दिया जाता है। इससे देश भर के कपड़ा व्यापारी आहत हुए हैं। अशोक मोतियानी अध्यक्ष, उतर प्रदेश कपड़ा उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल रेडीमेड कपड़ा कारोबारियों के लिए खुशी की बात है कि उनको एक ही स्लैब में रखा गया है। पहले पांच और 12 फीसदी स्लैब में व्यापारी टैक्स लेकर बिक्री, खरीदारी करता था। अब सिर्फ एक ही स्लैब पांच फीसदी लागू कर दिया गया है। इससे जीएसटी फाइलिंग में राहत मिलेगी। देवेंद्र गुप्ता, भूतनाथ व्यापार मंडल बादाम, अखरोट, चिल्गोजा पर पहले 12 फीसदी टैक्स लगा था, जिसे अब पांच फीसदी कर दिया है। इससे खरीदारों को फायदा होगा। एक समस्या यह है कि जिन व्यापारियों ने पहले से माल 12 फीसदी पर ले रखा है। उनका रुपया आईटीसी में फंसा रहेगा। यह रुपया जीएसटी से कब, कैसे वापस मिलेगा। यह स्पष्ट नहीं किया है। प्रशांत गर्ग, लखनऊ किराना कमेटी व्यापारी की मांग थी कि जीएसटी का सरलीकरण किया जाए, लेकिन वही नहीं हुआ है। आईटीसी जिनका घटा है, अब वह फंसे रहेंगे। व्यापारी वर्ग जहां खड़ा था, वह आज भी वहीं खड़ा हुआ है। रेडीमेड कपड़ा समेत कुछ चीजों में राहत जरूर मिली है। इससे दुकानदार को जीएसटी भरने में आसानी हो सकेगी। आमजन को भी लाभ मिलेगा। अनिल बजाज, कपड़ा एसोसिएशन साइकिल कारोबार के ट्रेड में कोई फायदा नहीं हुआ है। इस ट्रेड में सीधे मैन्युफैक्चरर को ही फायदा हो सकेगा। विक्रेता और आमजन को कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। इस ट्रेड में मैन्युफैक्चरर ने पहले ही दाम बढ़ा दिए हैं। इससे लोगों को साइकिल और उसका सामान महंगा ही मिलेगा। जगजीत सिंह जग्गा, साइकिल एसोसिएशन जीएसटी काउंसिल ने फॉर्मा सेक्टर में 12 प्रतिशत से पांच प्रतिशत कर दिया है। इससे एमएसएमई सेक्टर के उद्यमियों का कैपिटल ब्लॉक हो जाएगा। हम उम्मीद करते हैं कि फार्मास्युटिकल रॉ मैटेरियल और पैकिंग भी पांच प्रतिशत किया जाएं। रितेश श्रीवास्तव महासचिव , सरोजनीनगर औद्योगिक क्षेत्र निर्माता संघ सरकार द्वारा जीएसटी दरें संशोधित करने का फैसला सराहनीय कदम है। यह फैसला उस समय लिया गया है, जब अंतर्राष्ट्रीय टैरिफ की वजह से एक्सपोर्टर परेशान हैं। इसके अलावा डॉमेस्टिक मार्केट में नए एफपीओ खोलने की सरकार की कोशिश को बहुत बड़ा सपोर्ट मिलेगा। जीएसटी बदलाव से आम आदमी की डिस्पोजेबल इनकम भी बचेगी। इस बची हुई डिस्पोजेबल इनकम को वह दूसरी जगह इन्वेस्ट कर सकता है। यावर अली शाह संयोजक, सीआईआई एमएसएमई पैनल
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