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अब जीएसआई भूस्खलन की पूर्व चेतावनी देगा : सोमनाथ चांदेल

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अब जीएसआई भूस्खलन की पूर्व चेतावनी देगा : सोमनाथ चांदेल
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 19 Nov 2018 08:58 PM
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उत्तराखंड में रक्षा विभाग के डीटीआरएल के साथ पायलट प्रोजेक्ट पर कार्य शुरूलखनऊ। हिन्दुस्तान संवादभारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) भूस्खलन से होने वाले जनहानि को रोकने की दिशा में कार्य करेगा। जीएसआई उत्तराखंड में भूस्खलन की पूर्व चेतावनी प्रणाली विकसित करने के लिए रक्षा विभाग के डिटीआरएल के साथ मिलकर एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत कार्य शुरू किया है। यह जानकारी जीएसआई के अपर महानिदेशक एवं विभागाध्यक्ष सोमनाथ चांदेल ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता।में दी। अलीगंज स्थित संस्थान के सभागार में अपर महानिदेशक ने कहा कि हिमालयी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व जम्मू एवं कश्मीर में भूस्खलन की संभावना अधिक होती है। इनके संभावित क्षेत्रों को चिह्नित करके इनके शमन के तरीकों को सुझाया जाएगा। जीएसआई भूस्खलन प्रोजेक्ट के तहत डीटीआरएल को लोकेशन बताएगा। सेटअप लगाने की जिम्मेदारी डीटीआरएल की होगी। उत्तराखंड के केदारनाथ में वर्ष 2013 में प्राकृतिक आपदा के दौरान सम्बंधित पांच जनपदों में क्षति एवं जोखिम का मूल्यांकन करके रिपोर्ट राज्य प्राधिकारियों को सौंपी गई है। श्री चांदेल ने कहा कि भारत में सीसा, जस्ता, तांबा, प्लैटिनम, हीरा,सोना और अन्य संबंधित खनिजों की खोज के साथ ही 20 डोमेन पर कार्य कर रहा है। जिसमें किसान से लेकर जवान तक के हित शामिल हैं। अपर महानिदेशक ने बताया कि प्राचीन वैदिक परंपरा से जुड़ी सरस्वती नदी के बहाव मार्ग को चिह्नित करने के लिए जीएसआई कार्य कर रहा है। इसके तहत हरियाणा हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड के साथ पांच साल के एएमयू पर समझौता हुआ है। श्री चांदेल ने मैन पॉवर व संसाधनों की कमी की भी बात कही। उन्होंने कहा कि इससे हिमालयी क्षेत्रों में कार्य प्रभावित होता है। लेकिन अब पहले से स्थिति में सुधार हो रहा है। वार्ता के दौरान नीति सहयोग तंत्र के निदेशक डॉ घनश्याम तिवारी व जनसम्पर्क अधिकारी एसपी सिंह मौजूद रहे।

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