ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश लखनऊराजकीय डिग्री कॉलेजों को मॉडल के तौर पर विकसित करने की तैयारी

राजकीय डिग्री कॉलेजों को मॉडल के तौर पर विकसित करने की तैयारी

प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों को शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में माध्यमिक स्तर के केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर विकसित करने की तैयारी चल रही है। इन महाविद्यालयों में नए सत्र से कई नई सुविधाएं...

राजकीय डिग्री कॉलेजों को मॉडल के तौर पर विकसित करने की तैयारी
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊSun, 15 Apr 2018 08:17 PM
ऐप पर पढ़ें

प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों को शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में माध्यमिक स्तर के केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर विकसित करने की तैयारी चल रही है। इन महाविद्यालयों में नए सत्र से कई नई सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। नए विषय भी मंजूर किए जा सकते हैं।

प्रदेश में 138 राजकीय महाविद्यालय कार्यरत हैं, जबकि 20 अन्य में भी जल्द पढ़ाई शुरू होने की उम्मीद है। इस तरह प्रदेश के हर जिले में कम से कम एक राजकीय महाविद्यालय जरूर है, जबकि कहीं-कहीं दो या तीन भी हैं। ये महाविद्यालय भी राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं लेकिन इनमें नियुक्ति प्रक्रिया राज्य विश्वविद्यालयों से संचालित नहीं होती है। शिक्षकों की नियुक्ति उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से होती है तो प्रोन्नति व तबादले उच्च शिक्षा निदेशालय और शासन के उच्च शिक्षा विभाग से। प्रदेश स्तर पर निदेशक (उच्च शिक्षा) और मंडल स्तर पर क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी इन महाविद्यालयों पर सीधा नियंत्रण रखते हैं। अभी ज्यादातर राजकीय महाविद्यालयों की हालत बहुत अच्छी नहीं है। इनमें प्रवेश पाने के लिए कोई होड़ नहीं रहती है। विषयों की संख्या भी कम होने के कारण छात्र ज्यादा उत्सुक नहीं रहते। पहले तो शिक्षकों की भी कमी रहती थी। हालांकि अब शिक्षकों की कमी नहीं है।

शासन के सूत्रों का कहना है कि सभी राजकीय महाविद्यालयों में वर्चुअल क्लास रूम, स्मार्ट क्लासेज व ई-लर्निंग की व्यवस्था कराई जा रही है। हालांकि कुछ महाविद्यालयों में इसकी व्यवस्था पहले से है। प्रदेश सरकार चाहती है कि इन महाविद्यालयों को विशिष्ट शिक्षा के लिए जाना जाए। ऐसे में इनमें शिक्षकों की अनिवार्य उपस्थिति, छात्रों की बायोमीट्रिक हाजिरी और पारदर्शी परीक्षा-व्यवस्था कराई जाएगी। शिक्षकों को भी शोध कार्यों के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। शासन ने ऐसे सभी कॉलेजों से स्वीकृत विषयों और उपलब्ध शिक्षकों का ब्योरा भी मांगा है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें