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राष्ट्रपति से अनुमति लेकर विधेयक को राज्यपाल ने राज्य सरकार को भेजा

प्रमुख संवाददाता / राज्य मुख्यालय। राष्ट्रपति से सहमति लेकर ‘विक्रय संवर्द्धन कर्मचारी (सेवा शर्त) (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक 2017 से संबंधित पत्रावली राज्यपाल राम नाईक ने राज्य सरकार को भेज ...

राष्ट्रपति से अनुमति लेकर विधेयक को राज्यपाल ने राज्य सरकार को भेजा
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 05 Mar 2018 09:37 PM
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प्रमुख संवाददाता / राज्य मुख्यालयराष्ट्रपति से सहमति लेकर ‘विक्रय संवर्द्धन कर्मचारी (सेवा शर्त) (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक 2017 से संबंधित पत्रावली राज्यपाल राम नाईक ने राज्य सरकार को भेज दी है। राज्य विधान मण्डल से पारित होने के पश्चात इस विधेयक को राज्यपाल ने पिछले साल 16 अगस्त को राष्ट्रपति के विचारार्थ प्रेषित किया था। ‘विक्रय संवर्द्धन कर्मचारी (सेवा शर्त) (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक 2017 द्वारा पूर्व में स्थापित ‘विक्रय संवर्द्धन कर्मचारी (सेवा शर्त) अधिनियम 1976 में संशोधन कर ‘धारा 10-क बढ़ायी गई है। पूर्व में स्थापित अधिनियम में संशोधन कर्मचारियों की सेवा संबंधी मुकदमों से बचने और लम्बित वादों की संख्या में कमी लाने तथा लघु अपराधों के शमन करने के उद्देश्य से किया गया है। कुछ अधिष्ठानों के कर्मचारियों की सेवा शर्तों के विनियमन की व्यवस्था करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा ‘विक्रय संवर्द्धन कर्मचारी (सेवा शर्त) अधिनियम, 1976 पूर्व से लागू है। ऐसे में राज्य विधान मण्डल से पारित विधेयक पर ‘भारत का संविधान के अनुच्छेद-254 के प्राविधानानुसार राष्ट्रपति की सहमति आवश्यक थी।

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