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गोंडा निकाय चुनाव : इस छोटे समर में बड़ों की प्रतिष्ठा की भी परीक्षा

निकाय चुनाव के पहले चरण का प्रचार थमने के बाद अब मतदाताओं के फैसला सुनाने की घड़ी आ गई है। निकाय चुनाव के इस छोटे समर को यहां बड़ों ने भी अपनी नाक का सवाल बना रखा है। पूरे चुनावी हो हल्ले के दौरान दो...

गोंडा निकाय चुनाव : इस छोटे समर में बड़ों की प्रतिष्ठा की भी परीक्षा
वरिष्ठ संवाददाता ,गोंडाTue, 21 Nov 2017 03:06 PM
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निकाय चुनाव के पहले चरण का प्रचार थमने के बाद अब मतदाताओं के फैसला सुनाने की घड़ी आ गई है। निकाय चुनाव के इस छोटे समर को यहां बड़ों ने भी अपनी नाक का सवाल बना रखा है। पूरे चुनावी हो हल्ले के दौरान दो सांसदों के अलावा दो पूर्व मंत्रियों ने भी अपनी-अपनी पार्टी और अपने प्रत्याशियों के लिए दिन रात एक कर दिया। अब ऐसे में यह चुनाव भी उनकी प्रतिष्ठा की परीक्षा बन गया है। बुधवार को जिले के सभी निकायों में मतदाता छोटी सरकार बनाने के लिए निकलेंगे। इसे लेकर इन बड़े महारथियों ने अभी तक अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। 
आइये बात शुरू करते हैं कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह से। अखाड़े के माहिर सांसद ने इस बार संगठन के साथ साथ मन की बात कह कर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। उन्होंने जहां गोंडा नगर पालिका से भाजपा प्रत्याशी के लिए जोर लगाये रखा, वहीं नवाबगंज नपाप से भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ अपना नजदीकी खड़ा कर सबको चौंका दिया। खास ये रहा कि गोंडा में तो भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगा लेकिन नवाबगंज में अपने नजदीकी के लिए। ऐसे में फिलहाल गोंडा से ज्यादा नवाबगंज में सांसद की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। वहीं समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में जुटे रहे। टिकट दिलवाने से लेकर प्रचार तक में मंत्री की टीम जुटी रही। नवाबगंज का चुनाव एक पार्टी के सांसद और मंत्री के लिए उनकी नाक का बाल बना हुआ है। 
पूर्व कृषि मंत्री विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह ने भी नवाबगंज और गोंडा में पार्टी प्रत्याशी के लिए दिन रात एक कर दिया। गोंडा से सपा प्रत्याशी के रूप में नजदीकी को टिकट दिलाने के लिए उन्होंने जमीन आसमान एक कर दिया था। ऐसे में इन दोनों निकाय क्षेत्रों में पूर्व मंत्री की प्रतिष्ठा सवाल बनी हुई है। नवाबगंज से उन्होंने भाजपा के जवाब में उसी घराने से प्रत्याशी उतार कर नया सियासी गणित खेल दिखाया है। ऐसे में दोनों जगह के नतीजे पूर्व मंत्री की नाक का सवाल बने हुए हैं। पूर्व मंत्री योगेश प्रताप सिंह ने भी करनैलगंज और परसपुर में  प्रत्याशी के लिए पूरी ताकत झोंक दी। परसपुर नगर पंचायत का गठन उन्होंने ही कराया था इसलिए इस सीट को उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा के साथ जोड़ रखा है। वहीं करनैलगंज में भी निकाय चुनाव के नतीजे उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगे। गोंडा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया ने अपने गढ़ मनकापुर नगर पालिका में पूरा जोर लगाये रखा। कई बार निर्विरोध चेयरमैन बनाने वाले राजा के गढ़ में इस बार सपा ने प्रत्याशी उतार कर समीकरण बदल दिये हैं। अब देखना यह है मतदाताओं का मूड यहां किस करवट बैठता है। यहां भी सपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री पंडित सिंह से जुड़े हैं। ऐसे में चुनाव दिलचस्प मोड़ पर है। सांसद और पूर्व मंत्री दोनों मनकापुर नगर पालिका चुनाव को लेकर सीधे तो नहीं लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से आमने-सामने हैं।
गोंडा नगर पालिका में भाजपा विधायक प्रतीक भूषण शरण सिंह ने पार्टी के अध्यक्ष और सभासद पदों के प्रत्याशियों के लिए ताकत लगा दी है। जनसंपर्क के अलावा सोशल मीडिया के जरिए भी उन्होंने पार्टी को विजयश्री दिलाने के लिए सारे संसाधनों को झोंक रखा है। ऐसे में युवा और पहली बार विधायक होने के बाद उनकी भी प्रतिष्ठा से यह चुनाव जुड़ा हुआ है। 
संगठनों का भी है इम्तिहान : इस बार का निकाय चुनाव भाजपा, सपा और थोड़ा बहुत बसपा संगठन के लिए परीक्षा का प्रश्न बना है। इस चुनाव में आने वाले नतीजों की कसौटी पर संगठन और उनका कामकाज भी कसा जायेगा। सांगठनिक क्षमता और बागियों की बगावत की आंच से अपने प्रत्याशियों को बचाना भी संगठन की ही जिम्मेदारी बनती है। हालांकि सभी दलों के संगठन में इस बार कई पदाधिकारी निहुरे-निहुरे ऊंट चराते भी दिखाई दिये। अब इसका असर क्या होता है यह नतीजों से पता चलेगा। फिलहाल एक दिसम्बर को निकाय चुनाव का फैसला आने के बाद बड़ों और संगठन की कितनी चली, इसका खुलासा परिणाम कर देंगे।

 

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