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छह माह में एनटीपीसी की तीन नई यूनिटों से बिजली उत्पादन: राजीव

नेशनल थर्मल पॉवर कारपोरेशन (एनटीपीसी) की तीन नई इकाईयों से बिजली उत्पादन अगले छह महीने के अंदर शुरू हो जाएगा। इन तीनों इकाईयों की उत्पादन क्षमता 1980 मेगावाट होगी। यह जानकारी एनटीपीसी के क्षेत्रीय...

छह माह में एनटीपीसी की तीन नई यूनिटों से बिजली उत्पादन: राजीव
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊFri, 06 Mar 2020 08:50 PM
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नेशनल थर्मल पॉवर कारपोरेशन (एनटीपीसी) की तीन नई इकाईयों से बिजली उत्पादन अगले छह महीने के अंदर शुरू हो जाएगा। इन तीनों इकाईयों की उत्पादन क्षमता 1980 मेगावाट होगी। यह जानकारी एनटीपीसी के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (उत्तर) केएस राजीव ने दी। उन्होंने कहा है कि भविष्य में एनटीपीसी सोलर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देगा।

शुक्रवार को टांडा स्थिति एनटीपीसी परिसर में मीडियाकर्मियों से बातचीत में आरईडी राजीव ने बताया कि टांडा की नवनिर्मित दूसरी इकाई जिसकी क्षमता 660 मेगावाट है को जुलाई तक शुरू किया जाएगा। मेजा में नवनिर्मित दो इकाईयां जिनकी क्षमता 660-660 मेगावाट है वहां उत्पादन मार्च तक शुरू करने की तैयारी है। भविष्य में कोयले की कमी को देखते हुए एनटीपीसी ने सोलर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है।

2032 तक एनटीपीसी 26 फीसदी उत्पादन सोलर एनर्जी से करेगा

उन्होंने बताया कि 2032 तक एनटीपीसी अपनी कुल उत्पादन का 26 फीसदी सोलर ऊर्जा उत्पादित करने की कोशिश करेगा। सोलर ऊर्जा का उत्पादन महज 2.6 फीसदी ही है। 2032 तक एनटीपीसी पूरे देश में 130000 मेगावाट बिजली बनाने लगेगा। एनटीपीसी की मौजूदा उत्पादन क्षमता 58,156 मेगावाट है। 17223 मेगावाट की नई इकाईयों का काम प्रगति पर है।

बिजली उत्पादन में कोयले की खपत 20 फीसदी कम करेंगे

आरईडी राजीव ने कहा कि बिजली उत्पादन में 86 फीसदी कोयले का प्रयोग किया जा रहा है जिसे 2032 में कम कर 65 फीसदी किया जाना है। एनटीपीसी ने पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भविष्य की योजनाएं बनाई हैं।

चालू वित्तीय वर्ष में राज्य में 1360 मेगावाट बढ़ा चुके हैं उत्पादन

उन्होंने बताया कि उत्तरी क्षेत्र की परियोजनाओं जिनमें तापीय एवं नवीकरणीय ऊर्जा शामिल हैं की उत्पादन क्षमता चालू वित्तीय वर्ष में उत्तरी क्षेत्र द्वारा 1360 मेगावाट उत्पादन क्षमता बढ़ाई गई है।

वाराणसी और रीवां में ऐशपार्क

केएस राजीव ने बताया कि बिजली इकाईयों से निकलने वाली राख के उपयोग के लिए वाराणसी और रीवां में ऐशपार्क स्थापित करने की योजना पर काम शुरू किया गया है। इन दोनों पार्कों में ईंटें/ब्लाक/टाईल्स तथा आरएमसी निर्माताओं को 500 रुपये प्रति मीट्रिकटन की दर पर राख दी जाएगी।

पत्रकारवार्ता के दौरान मुख्य महाप्रबंधक टांडा केएस राव, उत्तरी क्षेत्र मुख्यालय के महाप्रबंधक मानव संसाधन पंकज कुमार, महाप्रबंधक कामर्शियल एच हरचंदानी, जयंत सेनशर्मा, जेएस अहलावत, संजय कुमार सिंह, एस.एन.पाणिग्राही, बीके पांडेय आदि उपस्थित थे।

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