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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखनऊFodder is twice as expensive forced to sell milk at half the price

चारा दोगुना महंगा, दूध आधे दाम पर बेचने को मजबूर

- डेयरी संचालकों को 25-30 रुपये लीटर दूध बेचने को मजबूर - किसानों की

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊSun, 23 May 2021 01:21 PM
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- डेयरी संचालकों को 25-30 रुपये लीटर दूध बेचने को मजबूर

- किसानों की लागत तक नहीं निकल पा रही है

- दूग्ध कंपनियां ग्राहकों को करीब 55 रुपये लीटर बेचकर मुनाफा कमा रही

- कोरोना काल में 40 फीसदी घटी दूध की खपत

लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता

कोरोना काल में दुग्ध किसानों पर दोहरी मार पड़ी है। एक तरफ गाय-भैंस को खिलाने वाला भूसा, चोकर, खली के दाम दोगुने हो गये हैं। वहीं दूसरी तरफ होटल-रेस्टोरेंट व मिठाई की दुकानें बंद होने से डेयरी संचालकों को 25-30 रुपये लीटर दूध बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। इससे किसानों की लागत तक नहीं निकल पा रही है, जबकि दूध कंपनियां ग्राहकों को 55-58 रुपये लीटर दूध बेचकर मुनाफा कमा रही हैं। दूध के सभी उत्पादों के दाम इस साल फिर बढ़ गए हैं।

राजधानी में गाय और भैंस मिलाकर कुल 5.35 लाख जानवर हैं। इनमें सवा लाख के करीब गाय और 4.10 लाख भैंस हैं। सबसे अधिक दुग्ध उत्पादन सरोजनीनगर, दुबग्गा, काकोरी, पारा, बीकेटी सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्र में होता है। वहीं शहरी क्षेत्र में करीब 800 दुग्ध डेयरियां हैं, लेकिन पिछले एक महीने से कोरोना कर्फ्यू के कारण मिठाई की दुकानें, होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा आदि बंद हो गए हैं। इन होटलों व मिठाई की दुकानों में ग्रामीण क्षेत्र से ही दूध ज्यादा आता था। दुग्ध उत्पादकों के मुताबिक दूध की सप्लाई में 40 फीसद तक की कमी आई है।

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40 हजार लीटर पराग की सप्लाई

पराग कंपनी के महाप्रबंधक डॉ. मोहन स्वरूप ने बताया कि पराग राजधानी के दुग्ध उत्पादकों से करीब 40 हजार लीटर दूध लेती है। इसके अलावा 1500 लीटर दूध से दुग्ध उत्पाद बनता है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में 40 फीसदी दूध की खपत में कमी आई है, लेकिन दूध के दाम और उत्पादन की स्थिति जस की तस है।

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गांव-गांव लगी फैट मशीन

लखनऊ दुग्ध डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष अजगर अली ने बताया कि पराग सहित अन्य दुग्ध कंपनियों ने दूध की डिमांड पूरी करने के लिए अपने सेंटर गांव-गांव खोल रखे हैं। गांव के लोग यहां लगी मशीन को फैट मशीन बोलते हैं। इस मशीन में दूध डालने के बाद यह बताती है कि किस दूध में कितना फैट आएगा। इसके बाद मशीन से ही पर्ची निकलती है जो फैट बताकर दूध का दाम तय करती हैं।

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लखनऊ में दुग्ध कंपनियां सक्रिय

मदर डेयरी, पराग, अमूल, ज्ञान, नमस्ते इंडिया सहित कई अन्य कंपनियां राजधानी में सक्रिय हैं। इन कंपनियों की गाड़ी यहां से दूध उठाकर प्लांट ले जाती हैं। गांवों में लगी फैट मशीनों पर दुग्ध उत्पादक दूध दे आते हैं, जिन्हें यह मशीन संचालक कंपनियों को महंगे दाम पर बेंच देते हैं।

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दुग्ध व्यापारी बोले-

आज दूध वालों का हाल बहुत खराब है। होटल-रेस्टोरेंट व मिठान प्रतिष्ठान बंद हो जाने के कारण बड़े पैमाने पर दूध व्यापारियों की सप्लाई नहीं हो पा रही है, जिससे दूध व्यापारी ओने-पौने दाम पर कंपनियों को दूध बेच रहे हैं।

शौकत अली

महामंत्री, लखनऊ दुग्ध डेयरी एसोसिएशन

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किसानों की पीड़ा

कोरोना कर्फ्यू के कारण होटल, रेस्टोरेंट व मिठाई की दुकानें बंद हैं। इससे लागत नहीं निकल पा रही है। वहीं दूसरी तरफ जानवरों को चारा खिलाना महंगा हो गया है। भूसा, खली, चोकर 10-15 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है। डेयरी वाले 30 रुपये लीटर खरीद रहे हैं, जबकि बाजार में 55 रुपये लीटर दूध बिक रहा है।

वसीम

गांव में बिचौलिये किसानों से 25-30 रुपये लीटर दूध खरीदते हैं। बाजार में 50-55 रुपये लीटर दूध बिक रहा है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते जा रहे हैं। जानवरों का भूसा, चोकर समेत सबके दाम दोगुने हो गये हैं।

कालू यादव

सुबह के समय दूध की पूरी खपत हो ही जाती है, लेकिन शाम को दूध की खपत नहीं हो पा रही है। ऐसे में कई किसानों को फेट मशीनों पर दूध पहुंचाना मजबूरी हो गया है। क्योंकि फेट मशीन पर ग्रामीणों को नकद दाम भी मिल जाता है।

राजू

डीजल महंगा हो जाने के कारण भूसा चोकर भी महंगी हो गया है, लेकिन जो जानवर का चारा है। उसे कम नहीं किया जा सकता है। उससे दूध पर काफी असर पड़ता है। इसके अलावा होटल-रेस्टोरेंट और मिठाई की दुकानें बंद हैं। इससे गांव-देहात से आने वाले दुग्ध किसान बिचौलिये को औने-पौने दाम पर दूध बेचते हैं।

मिराज

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इंफो-

- 1.35 लाख लीटर प्रतिदिन दूध का उत्पादन होता है

- मार्च तक दूध की खपत 1.50 लाख लीटर प्रतिदिन थी

- पिछले एक महीने से 90 हजार लीटर दूध की खपत है

- लखनऊ में करीब 800 दुग्ध डेयरी हैं

- कोरोना कर्फ्यू के कारण शादी-विवाह के कार्यक्रम भी रद्द हैं

- होटल-रेस्टोरेंट व मिठाई की दुकानें बंद होने से घटी सप्लाई

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मवेशियों को चारे का सामान महंगा हो गया

मवेशी का चारा मार्च मई

चोकर 17 30

सरसो की खली 18 35

चूनी 15 30

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दुग्ध उत्पादों के दाम प्रतिकिलो

- पनीर 220-280 रुपये किलो

- दही 70-100 रुपये किलो

- खट्टा दही 30-35 रुपये किलो

- खोया 280-320 रुपये किलो

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