अयोध्या : दशरथ राजमहल में सजी भव्य फूल बंगले की झांकी
‘फूलन के बंगला फूलन के परदा फूलन के परजंक पौडे मदन लजात, देखी नभ चांदनी सिया मन भावनी राम प्रिया सोभा लख हिय न अघात...’ आचार्य प्रणीत पदों के गायन के साथ दशरथ राजमहल बड़ा स्थान में...
‘फूलन के बंगला फूलन के परदा फूलन के परजंक पौडे मदन लजात, देखी नभ चांदनी सिया मन भावनी राम प्रिया सोभा लख हिय न अघात...’ आचार्य प्रणीत पदों के गायन के साथ दशरथ राजमहल बड़ा स्थान में ग्रीष्मकालीन उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर विराजमान भगवान धनुषधारी के फूल बंगले की भव्य एवं मनोरम झांकी सजाई गई। इस झांकी का दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ संत-महंत भी पहुंचे।
इस दौरान मंदिर के महंत एवं बिन्दुगद्याचार्य स्वामी देवेन्द्र प्रसादाचार्य महाराज ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि आचार्य परम्परा में उत्सव का आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले उत्सव की शृंखला में ही किया गया है। उन्होंने कहा कि उपासना में भाव का महत्वपूर्ण स्थान है। साधक संतों ने आराध्य की उसी प्रकार अष्टयाम सेवा पद्धति को अपनाया जिस प्रकार परिवारों में परिकर अपने स्वामी की सेवा करते हैं। इसी कड़ी में भगवान के भोग-राग के साथ उनके सुख के लिए उत्सवों का आयोजन किया जाता रहा है।
उन्होंने कहा कि अर्चावतार के रूप में भगवान सभी भक्तों को सुलभ हैं। वहीं भक्त भी भगवान की सेवा के माध्यम से उनका सानिध्य प्राप्त कर सुखानुभूति करते हैं। ग्रीष्म काल की उष्णता में विराजमान भगवान को ठंडक पहुंचाने के लिए फूलों के बंगले में उन्हें विराजित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से भगवान को प्रसन्न करने की ही प्रक्रिया है।
झांकी अनावरण के अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, राजगोपाल मंदिर के महंत कौशल किशोर शरण फलाहारी, डीआईजी राकेश चन्द्र साहू, हरिगोपाल धाम के महंत जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य, बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेश दास, रंगमहल के महंत रामशरण दास, महंत कन्हैया दास रामायणी, महंत नारायण चारी, नागा रामलखन दास, नंद कुमार मिश्र उर्फ पेड़ा महाराज आदि भी मौजूद रहे।