आखिरकार मौत से हार गये एस आई कमलेश
सात दिनों तक मौत से जिंदगी की जंग लड़ने के बाद अपने हाजिर जवाबी, साहस के लिए विभाग में मशहूर एक जांबाज एसआई की सांसें थम गयी। एक व्यवहार कुशल और गम्भीर एस आई हमेशा के लिए चिर निद्रा में सो...
सात दिनों तक मौत से जिंदगी की जंग लड़ने के बाद अपने हाजिर जवाबी, साहस के लिए विभाग में मशहूर एक जांबाज एसआई की सांसें थम गयी। एक व्यवहार कुशल और गम्भीर एस आई हमेशा के लिए चिर निद्रा में सो गया।
19 सितम्बर को त्योहार के मद्देनजर थाना परिसर में सर्विस पिस्टल की सफाई करते समय मैगजीन लगी रहने के कारण अचानक गोली चलने से छपिया थाने पर तैनात एस आई कमलेश सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें इलाज के लिए बीआरडी कालेज गोरखपुर में भर्ती कराया गया था, जहां बुधवार को उनकी मौत हो गई। एसआई कमलेश सिंह पुत्र स्वर्गीय जियावन सिंह ग्राम सुरहा खोर थाना कप्तान गंज जिला कुशीनगर के रहने वाले थे।
56 वर्षीय एस आई की तैनाती छपिया थाने में 11जुलाई 2017 को हुयी थी। 15 मई 1981 को आरक्षी के पद पर उनकी नियुक्ति हुई थी। वे ग्राम सुरहा खोर थाना कप्तान गंज जिला कुशीनगर के रहने वाले थे। उनकी पत्नी चार पुत्री और एक पुत्र थे। चौकी प्रभारी जितेन्द्र यादव और मदन लाल सहित थाने पर सभी कर्मचारियों ने शोक जताया।
क्षेत्र के पूर्व प्रमुख बाबू राम यादव दिनेश शुक्ल, शिव कुमार, विनोद कुमार, आशीष सिंह ने कहा कि वे फरियादियों के साथ हमेशा अच्छा व्यवहार करते थे। वे नेक इंसान और ईमानदार अधिकारी थे। वे हमेशा एक दूसरे की मदद करने के लिए उत्सुक रहते थे। विभाग के बारे में उनकी काफी जानकारी थी। वे अपना अनुभव लोगों में बांटते थे।