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फिक्की फ्लो

कम-ज्यादा नहीं, बराबर स्नेह चाहती हैं बेटियां

फिक्की फ्लो
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊThu, 15 Nov 2018 07:25 PM
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कम-ज्यादा नहीं, बराबर स्नेह चाहती हैं बेटियां

-इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में फिक्की फ्लो के कार्यक्रम का दूसरा दिन

लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता

फिक्की फ्लो लखनऊ-कानपुर चैप्टर की ओर से इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में चल रहे 'इंडियन वुमेन आर्टिसन्स अवध फेस्टिवल एंड फिल्म फोरम' का गुरुवार को दूसरा दिन था। दूसरे दिन यहां मेन अगेंस्ट वायलेंस एंड एब्यूज की ओर से एक वर्कशॉप आयोजित की गई।

इसके अलावा दूसरे दिन का विशेष आकर्षण था 'खुले आसमान के नीचे ' फिल्म की स्क्रीनिंग और इस सत्र को संयोजित किया हरीश सदानी ने। फिल्म के बाद सवाल-जवाब का दौर भी चला जिसमें महिलाओं की समस्याओं पर बात हुई। साथ ही यह मुद्दा भी उठा कि महिलाओं को समाज में क्या क्या दिक्कतें झेलन पड़ती हैं। पितृसत्ता के नकारात्मक बिन्दुओं पर भी यहां बात हुई। इस सत्र के बाद यहां दूसरी फिल्म 'व्हाय यू लाइक गर्ल्स' की स्क्रीनिंग हुई। इसके बाद एक बार फिर महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर बात हुई। एक बात यह भी सामने आई कि अक्सर मां-बाप कहते हैं कि उन्होंने अपनी बेटी को बेटे की तरह पाला है, यहां सवाल यह है कि क्यों बेटियां अपनी तरह से नहीं पाली जा सकतीं। उन्हें बेटों की तरह नहीं, उनके बराबर प्यार व सम्मान की जरूरत है। कार्यक्रम में ज्योति कपूर दास की एक मास्टर क्लास हुई जिसमें उन्होंने स्क्रीनप्ले राइटिंग पर बात की। इस सत्र में उनके साथ अलका दास गुप्ता, हिन्दुस्तान टाइम्स की वरिष्ठ संपादक सुनीता एरन, रेणुका टंडन भी मौजूद रहीं। इसके बाद प्रीति साहनी के साथ बातों का सिलसिला शुरू हुआ जिसमें उन्होंने फिल्मों में प्रोड्यूसर की भूमिका पर बात की। इस सत्र के मंगोलियन फीचर फिल्म 'गोल्डन ट्रेजर' की स्क्रीनिंग की गई। कार्यक्रम केअंत में किरीट व तहजीब खुराना ने एनीमेशन पर मास्टर क्लास ली जिसमें उन्होंने एनीमेशन के कई पहलुओं को विस्तार से समझाया।

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