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देश के अंदर के दुश्मनों को पहले खत्म करना होगा

लखनऊ। प्रमुख संवाददाता

देश के अंदर के दुश्मनों को पहले खत्म करना होगा
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊFri, 15 Feb 2019 09:37 PM
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लखनऊ। प्रमुख संवाददाता

पड़ोसी दुश्मन से पहले देश के अंदर के दुश्मनों को समाप्त करना होगा। ये दुश्मन सड़क से लेकर संसद तक हैं जो आतंकवादी के घर जाकर उनको मनोबल बढ़ाते हैं। यह कहना है कारगिल की लड़ाई में हेलीकाप्टर से सैनिकों तक रसद पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जाबांज सेवानिवृत कर्नल जीपीएस कौशिक का। इसके अलावा अन्य भूतपूर्व सैनिकों ने भी दुश्मन को बिना देर किए ठोस रणनीति के साथ सबक सिखाने की जरूरत बताया है।

कमजोर करे रहे देश के दुश्मन

कर्नल जीपीएस कौशिक ने कहा कि देश के अंदर बड़ी संख्या में दुश्मन खुलेआम घूम रहे हैं। उन्हें कभी सड़क पर पत्थरबाजी करते देखा जा सकता है तो कभी आतंकी के घर जाते हुए। वह बयानबाजी से भी बाज नहीं आते। इससे दुश्मनों का मनोबल काफी मजबूत होता है। हमारे देश के जवान हतोत्साहित होते हैं। इसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए।

सतलज नदी का पानी बंद किया जाए

पूर्व सैन्य अधिकारी मेजर आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि जल्दबाजी में कोई कदम उठाना ठीक नहीं होगा। पाकिस्तान को घेरने की दिशा में कदम उठाना चाहिए। उसे कमजोर करने के लिए सबसे पहले सतलज नदी का पानी बंद कर देना चाहिए। ज्यादातार खेती इसी पानी पर निर्भर है। यदि सभी दलों के नेता एकजुट हैं तो सबसे पहले पकिस्तान को आतंकवादी घोषित किया जाएगा। संसद में प्रस्ताव लाया जाए और सभी उसका समर्थन करें। इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाया जाए। इसके अलावा सीमा पर चल रहे ट्रेनिंग कैम्प को समाप्त किया जाए।

जैसे को तैसा मिले जवाब

भूतपूर्व सैन्य अधिकारी कैप्टन विजय श्रीवास्तव ने पाकिस्तान की कायराना हरकत बताया। उन्होंने कहा कि बर्दाश्त की सभी सीमाएं समाप्त हो चुकी है। अब जैसे को तैसा के तहत जबाब देने का वक्त है। अन्यथा विकट स्थिति पैदा हो जाएगी। इसमें सभी राजनीतिक दलों को आपनी मतभेद को भूलकर एकसाथ खड़े होकर सरकार के मनोबल को मजबूत करना होगा। उसके कठोर फैसले का समर्थन करना होगा।

कम्पलीट सर्जरी की जाए

भूतपूर्व सैनिक सूबेदार विजयकांत बाजपेयी ने कहा कि पुलवामा की दर्दनाक घटना को भुलापाना आसान नहीं है। सर्जिकल स्ट्राइक के बजाए कम्पलीट सर्जरी करनी चाहिए। अलगाव वादियों को दी जा रही सभी सुविधाएं समाप्त की जाएं। उनकी सुरक्षा वापस ली जाए। वह देश को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं। इन्हीं के कारण पड़ोसी दुश्मन हमें कमजोर समझ रहा है। इस घटना से देश का अपमान हुआ है। मजबूत रणनीति बनाकर जबतक बदला नहीं लिया जाएगा तब तक शहीद जवानों की आत्मा को शांति नहीं मिल सकेगी।

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