निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने निकाली तिरंगा रैली
Lucknow News - विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने यूपी में बिजली व्यवस्था के निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन किया। 8 अगस्त से तिरंगा सभा अभियान के अंत में, बिजली कर्मियों ने तिरंगा रैली निकालकर निजीकरण का फैसला वापस...

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा है कि विधानमंडल में विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश विजन-2047 में बिजली व्यवस्था में लगातार हो रहे सुधार की विस्तृत चर्चा की गई है। ऐसे में जब सार्वजनिक क्षेत्र में यूपी में बिजली व्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है, तब पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए। 8 अगस्त से प्रारम्भ कर तिरंगा सभा अभियान के समापन पर गुरुवार को बिजली कर्मियों ने प्रदेश के सभी जनपदों और परियोजनाओं पर तिरंगा रैली निकाल कर निजीकरण का फैसला वापस लेने की मांग की। लखनऊ में बिजली कर्मी राणा प्रताप मार्ग स्थित हाईडिल फील्ड हॉस्टल पर एकत्र होकर हाथ में तिरंगा लिए हुए जीपीओ पार्क स्थित काकोरी क्रांति स्मारक तक रैली के रूप में गए।
संघर्ष समिति पदाधिकारियों ने कहा कि झूठा शपथ पत्र देने वाले ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन की मदद से पॉवर कारपोरेशन द्वारा तैयार कराये गए दस्तावेज के अनुसार निजीकरण के बाद भी प्रदेश सरकार को निजी कम्पनियों को सस्ती दर पर बिजली मुहैया करानी पड़ेगी, जिसका भार सरकार उठाएगी। इसके अतिरिक्त सरकार को वित्तीय मदद भी करनी पड़ेगी। सवाल यह है कि निजीकरण के ऐसे प्रयोग से प्रदेश को क्या मिलने वाला है? संघर्ष समिति के आह्वान पर प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर बिजली कर्मी तिरंगा लेकर निजीकरण के विरोध में निकले। बिजली कर्मियों के हाथ में तख्तियां थीं जिनपर लिखा था कि निजीकरण का निर्णय निरस्त करो, विकसित भारत के लिए सार्वजनिक क्षेत्र में पॉवर सेक्टर बनाये रखना जरूरी है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




