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बिजलीकर्मियों ने निजीकरण प्रक्रिया का विरोध किया

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2020 में विद्युत वितरण के निजीकरण करने का विरोध किया है। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि डिस्ट्रीब्यूशन सब...

बिजलीकर्मियों ने निजीकरण प्रक्रिया का विरोध किया
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊSun, 19 Apr 2020 09:22 PM
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- विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की- विद्युत मंत्रालय द्वारा इलेक्ट्रिसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2020 को वापस लेने की मांग लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाताविद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2020 में विद्युत वितरण के निजीकरण करने का विरोध किया है। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि डिस्ट्रीब्यूशन सब लाइसेंसी और फ्रेन्चाइजी के जरिये निजी क्षेत्र को विद्युत वितरण सौंपने की बात है जिससे बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा है। उन्होंने कहा कि फ्रेन्चाइजी का प्रयोग पूरे देश में विफल हो चुका है और वांछित परिणाम न दे पाने के कारण लगभग सभी फ्रेंचाइजी करार रद्द कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि विगत 05 अप्रैल को लाइट बन्दी के दौरान जिस कुशलता से प्रदेश और देश के बिजली कर्मियों ने बिजली ग्रिड का संचालन किया और 31000 मेगावाट से अधिक के लोड का जर्क लगने के बावजूद ग्रिड का संतुलन बनाये रखा वह बिजली ग्रिड के इतिहास का स्वर्णिम पृष्ठ बन गया है जो सर्वविदित है। ऐसे समय केंद्रीय विद्युत मंत्रालय द्वारा निजीकरण का मसौदा जारी करने से बिजली कर्मी आहत और ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वे इस नाजुक घड़ी में जब देश कोविड -19 महामारी के संक्रमण से संघर्ष कर रहा है तब केन्द्रीय विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी इलेक्ट्रिसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2020 को तत्काल वापस कराने के लिए प्रभावी पहल करें।

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