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दोहरी नीति से चौपट हो रही सफाई व्यवस्था

नगर निगम की दोहरी नीति से शहर की सफाई व्यवस्था के चलते इंदिरानगर में ईको ग्रीन के लोगों से आवंटियों ने खदेड़ दिया। आवंटियों का आरोप है कि 100 रुपए वसूलने के बावजूद एजेंसी मोहल्ले में सफाई करने का...

दोहरी नीति से चौपट हो रही सफाई व्यवस्था
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊFri, 13 Oct 2017 09:58 PM
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नगर निगम की दोहरी नीति से शहर की सफाई व्यवस्था के चलते इंदिरानगर में ईको ग्रीन के लोगों से आवंटियों ने खदेड़ दिया। आवंटियों का आरोप है कि 100 रुपए वसूलने के बावजूद एजेंसी मोहल्ले में सफाई करने का जिम्मा नहीं ले रहा है। उसकी दलील है कि उसके ठेके में झाड़ू लगाने की बंदिश नहीं है। इसी बात पर कालोनी के सी ब्लाक के आवंटियों ने एजेंसी को कूड़ा देने से मना कर दिया और मौके से वापस लौट जाने की धमकी दे दी। आवंटियों का आरोप है निगम के सफाई कर्मी कालोनी के मुख्य मार्गों की सफाई करते हैं। वे कालोनी की गलियों में झाड़े लगाने ही नहीं आते। निगम के अफसर भी इस बात से परेशान हैं। उनका आरोप है कि जब तक एजेंसी को दोनों काम की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी तब तक कूड़ा उठाने के काम की योजना के सफल होने पर संदेह बना रहेगा। हालांकि, निगम के मुख्यालय में बैठे अफसर आवंटियों व अपने अधीनस्थ अफसरों के तर्क सुनने को तैयार नहीं है।

100 रुपए में सिर्फ कूड़ा उठाने का ठेका दिया

पूर्व में कूड़ा कलेक्शन का काम देख रही ज्योति इनवायरोक के असफल होने में नगर निगम की यह अव्यवस्था प्रमुख कारण रही है। ज्यादातर मोहल्लों में लोगों ने निजी सफाई कर्मी लगा रखे हैं। वह अधिकतम 100 रुपए में घरों से कूड़ा कलेक्ट करने के साथ ही मोहल्लों में झाड़ू भी लगा देते हैं। यह अलग बात है कि वह घरों व मोहल्लों का कूड़ा खाली प्लाट या सड़क पर फेंककर चले जाते हैं। दो चार दिन कूड़ा बजबजाने के बाद नगर निगम की गाड़ी उसे उठाने पहुंचती है। उधर कूड़ा कलेक्शन के लिए लगाई गई एजेंसी सिर्फ घरों से कूड़ा कलेक्ट करती है। इसके लिए यूजर चार्ज न्यूनतम 100 रुपए वसूल रही है। झाड़ू लगाने से उनका कोई लेनादेना नहीं है। जिन मोहल्लों ईकोग्रीन की गाड़ी लगी है वहां लोगों को झाड़ू लगाने के लिए निजी सफाईकर्मी का ही सहारा लेना पड़ रहा है। उसके लिए उनको अलग से पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। नगर निगम के सफाईकर्मी सिर्फ मुख्य मार्ग पर झाड़ू लगाकर चले जाते हैं।

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दोनों काम एक एजेंसी नहीं कर सकती। इससे न तो समय से कूड़ा कलेक्ट हो पाएगा और न ही कूड़े का निस्तारण। झाड़ू लगाने की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाना है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सफाईकर्मियों की बायोमैट्रिक हाजिरी शुरू होते ही व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी।

पीके श्रीवास्तव, अपर नगर आयुक्त।

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