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इलाज न मिलने से झुंझलाए तीमारदारों ने सड़क जाम की

- ओपीडी में इलाज न मिलने से नाराज हुए मरीज, तीमारदार

इलाज न मिलने से झुंझलाए तीमारदारों ने सड़क जाम की
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊTue, 06 Aug 2019 07:12 PM
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- ओपीडी में इलाज न मिलने से नाराज हुए मरीज, तीमारदार - हाईकोर्ट जाने वाले मुख्य मार्ग पर संस्थान के मुख्य गेट के बाहर सड़क पर निकलकर किया प्रदर्शन लखनऊ। निज संवाददाता लोहिया संस्थान में हड़ताल के चलते इलाज के लिए तीमारदार मंगलवार को परेशान हो गए। झुंझलाएं तीमारदारों ने मरीजों के साथ ही हाईकोर्ट वाले मुख्य मार्ग पर सड़क जाम कर दोपहर 12 बजे प्रदर्शन शुरू कर दिया। सड़क पर प्रदर्शन की वजह से मुख्य मार्ग पर जाम लग गया। मौके पर विभूतिखंड पुलिस और अस्पताल के निदेशक डॉ. अनिल कुमार त्रिपाठी भागते हुए पहुंचे। निदेशक ने पांच मरीजों को इमरजेंसी में भिजवाया। अन्य को इलाज का आश्वासन दिया तो तीमारदार माने। फिर जाम खुल सका। ओपीडी में इलाज को तड़पे मरीज बाराबंकी से आए शंभूलाल (35) ओपीडी की फर्श पर लेटे दर्द से कराहते रहे। उनके बगल भाई राम सजीवन मौजूद रहे। राम सजीवन ने बताया कि वह सुबह सात बजे ओपीडी पहुंच गए थे, लेकिन हड़ताल की वजह से इलाज नहीं मिल रहा है। मरीज को कमर के निचले हिस्से में दर्द और चलने में बहुत तकलीफ थी। इन्हें ओपीडी में इलाज नहीं मिला। सीतापुर से आए कैंसर मरीज मोहम्मद जाबिर को अधिक तकलीफ होने पर पत्नी और दामाद ओपीडी पहुंचे थे। दामाद ने बताया कि सात तारीख को बुलाया गया था, लेकिन तबियत खराब होने की वजह से उन्हें एक दिन पहले ही लाना पड़ा। कैंसर में डॉ. राहत हाडी को दिखाना था, लेकिन हड़ताल की वजह से इलाज के लिए दुश्वारियां झेलनी पड़ रही। एक घंटे चली सचिव से वार्ता मरीजों और तीमारदारों के सड़क पर पहुंचकर प्रदर्शन की सूचना और डॉक्टरों की हड़ताल के प्रभाव को देखते हुए शासन स्तर से अफसर संस्थान पहुंचे। चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव मुकेश मेश्राम ने निदेशक डॉ. अनिल कुमार त्रिपाठी की मौजूदगी में फैकल्टी फोरम और नर्सेज संघ के पदाधिकारियों के साथ काफी देर तक वार्ता की। फैकल्टी फोरम के अध्यक्ष डॉ. राजन भटनागर, महासचिव डॉ. पीके दास, नर्सिंग संघ अध्यक्ष अमित शर्मा, रेजिडेंट्स एसोसिएशन के डॉ. गुरनाम व अन्य बैठक में शामिल रहे। सचिव श्री मेश्राम ने सभी को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को जल्द पूरा किया जाएगा। इस पर प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें 15 दिन इंतजार करने की बात कही। सचिव से कहा कि यदि 15 दिन में मांग पूरी नहीं हुई तो अगला आंदोलन बैठक बुलाकर किया जाएगा। इस बार इमरजेंसी सेवाओं को भी प्रभावित किया जा सकता है।

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