बारिश न होने से यूपी में सूखे की आशंका बढ़ी
आधा अषाढ़ बीत चुका है और खेतों में धूल उड़ रही है। सूखे की आशंका बढ़ गई है। कृषि कैलेंडर के हिसाब से 10 जुलाई तक धान की रोपाई पूरी हो जानी चाहिए लेकिन 20 फीसदी रोपाई भी अब तक नहीं हो सकी है। प्रदेश में...
आधा अषाढ़ बीत चुका है और खेतों में धूल उड़ रही है। सूखे की आशंका बढ़ गई है। कृषि कैलेंडर के हिसाब से 10 जुलाई तक धान की रोपाई पूरी हो जानी चाहिए लेकिन 20 फीसदी रोपाई भी अब तक नहीं हो सकी है। प्रदेश में खेती की यह तस्वीर चिन्तित करने वाली है क्योंकि अगर अब भी बरसात नहीं हुई तो खरीफ का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हो जाएगा।
प्रदेश में मानसूनी बरसात की स्थिति यह है कि 42 जिलों में नाम मात्र बारिश हुई है जबकि चार जिले ऐसे हैं जहां अब तक कुछ पल के लिए बूंदाबांदी मात्र हो सकी है। मानसून की बेरुखी से खेती की लगातार बिगड़ती तस्वीर को लेकर सरकार से लेकर कृषि विशेषज्ञ तक चिन्तित हैं। विशेषज्ञों का तो यहां तक कहना है कि अगर एक सप्ताह के भीतर झमाझम बारिश नहीं हुई तो धान ही नहीं दलहन-तिलहन भी प्रभावित होंगे।
10 जुलाई तक दो वर्षों के दौरान मानसूनी वर्षा की स्थिति
मानक वर्षा 2017 (जिले) 2018 (जिले)
120% (अधिक वर्षा) 43 5
80% से 120% (सामान्य) 15 6
60% से 80% (कम) 6 8
40% से 60 % (काफी कम) 4 12
40% से भी कम 7 42
अति न्यूनतम (न के बराबर) 0 2