डिमेंशिया की पीड़ा और पिता-पुत्री के रिश्ते की डोर में बंधा डैडी
Lucknow News - दर्पण संस्था ने मंगलवार को नाटक 'डैडी' का मंचन किया, जिसमें अनिल रस्तोगी ने डिमेंशिया पीड़ित पिता की भूमिका निभाई। नाटक में पिता और बेटी के रिश्ते की जटिलताओं को दर्शाया गया है। निर्देशन सूर्य मोहन...

दर्पण संस्था की ओर से मंगलवार को एक बार फिर से अनिल रस्तोगी अभिनीत और सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ के निर्देशन में नाटक डैडी का मंचन किया गया। संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में मंचित नाटक में डिमेंशिया पीड़ित पिता और और देखभाल करने वाली बेटी की रिश्तों की डोर को दिखाता है। फ्लोरियां जैलर के नाटक ले पेरे से प्रेरित नाटक डैडी का लेखन सूर्यमोहन कुलश्रेष्ठ एवं शिवांगी निगम ने किया। डैडी की कहानी एक डिमेंशिया रोगी एक बुजुर्ग डैडी अनन्त की कहानी है। जो झण-झण याददाश्त खोते जा रहे हैं। डैडी का भ्रम और संभ्रम नाटक के अन्त में पराकाष्ठा पर पंहुचता है।
नाटक ने पिता और बेटी के रिश्ते को बहुत गहराई से चित्रित किया। एक तरफ बेटी की अपनी जिन्दगी है, अपने सपने, अपना प्यार है और दूसरी तरफ डिमेंशिया पीड़ित पिता की जिम्मेदारी। यह द्वन्द्व नाटक में लगातार दिखता है। डिमेंशिया पीड़ित पिता की किरदार को वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल रस्तोगी ने जीवंत कर दिया और निर्देशन में सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ में कहानी के मर्म को उजागर किया। मंच पर बेटी अन्नू का किरदार शालिनी विजय ने प्रभावी रूप से निभाया। इसके साथ ही मंच पर अजय शर्मा, पूजा सिंह, अंकिता दीक्षित, अभिषेक सिंह, विपिन प्रताप राव और अभिषेक पाल ने अपनी-अपनी भूमिका प्रभावी अंदाज में निभायी।
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