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फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के पुनर्वास की नीति का मसौदा तैयार-राज्य सरकार तैयार कर रही है नीति

लखनऊ-विशेष संवाददाता। यूपी में फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों का पुनर्वास जल्द ही शुरू किया जाएगा। ऐसे लगभग 2500 बच्चों का चिह्नांकन हो चुका है। राज्य...

फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के पुनर्वास की नीति का मसौदा तैयार-राज्य सरकार तैयार कर रही है नीति
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊFri, 12 Aug 2022 04:45 PM
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यूपी सरकार बन रहा नई नीति

लखनऊ-विशेष संवाददाता। यूपी में फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों का पुनर्वास जल्द ही शुरू किया जाएगा। ऐसे लगभग 2500 बच्चों का चिह्नांकन हो चुका है। राज्य सरकार फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के चिह्नांकन और पुनर्वास संबंधी नीति तैयार कर रही है। इस नीति के ड्राफ्ट पर राज्य सरकार यूनीसेफ समेत अन्य स्वैच्छिक संगठनों की राय ले रही है।

गुरुवार को महिला एवं बाल विकास विभाग ने नीति के लिए तैयार ड्राफ्ट पर विचार विमर्श करने के लिए लखनऊ में एक कार्यशाला का आयोजन किया। विभाग ने इस ड्राफ्ट पर पुलिस, श्रम, शिक्षा, पंचायती राज, स्वास्थ्य सहित शहरी नगर निकाय आदि विभागों से भी सुझाव मांगे हैं। महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक ब्रजेंद सिंह निरंजन ने कहा कि कि फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के चिन्हांकन व पुनर्वास संबंधी नीति को मूर्तरूप देने के लिए 23 मार्च को निदेशालय स्तर पर ड्राफ्टिंग समिति गठित हुई। इस आदर्श नीति का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। बच्चों के कल्याण के लिए अपने प्रदेश में कई योजनाएं हैं। सभी योजनाओं का असली उद्देश्य ऐसे बच्चों को लाभान्वित करना है। लेकिन समय के साथ नई चुनौतियां भी आती हैं। इसलिए कुछ योजनाओं में अब भी संशोधन की आवश्यकता महसूस हो रही है। फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के मामलों में नीति बनाने के लिए सकारात्मक सुझाव मिले हैं, विभाग जल्द ही इन्हें शामिल कर नीति को अंतिम रूप देगा। उनके अनुसार उत्तर प्रदेश में विभाग द्वारा ऐसे लगभग 2500 बच्चों को चिन्हित किया जा चुका है।

यूनिसेफ के बाल संरक्षण विशेषज्ञ सैयद मंसूर उमर कादरी ने कहा कि फुटपाथ पर जीवनयापन करने वाले बच्चों के संदर्भ में प्रदेश सरकार की यह पहल महत्वपूर्ण है। राज्य सलाहकार प्रीतेश तिवारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट व एनसीपीसीआर के निर्देश पर सभी राज्य सरकारें ऐसे बच्चों के लिए नीति निर्धारण कर रही है।

कार्यशाला में विभाग के उपनिदेशक प्रभात रंजन व प्रवीण त्रिपाठी, बाल कल्याण समिति लखनऊ की सदस्य संध्या सहित यूनिसेफ, एक्शन ऐड, सेव द चिल्ड्रेन, चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राई), ऑक्स्मफैम इंडिया, विज्ञान फाउंडेशन, चेतना, वात्सल्य, मिलान फाउंडेशन, वर्ल्ड विज़न, ह्यूमन यूनिटी मूवमेंट, एहसास, आली, प्रथम, ब्रेकथ्रू, सामाजिक कार्य विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय और वी.वी गिरि सामाजिक शोध संस्थान के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

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