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यूपी सहकारी चीनी मिल संघ के तत्कालीन एमडी के खिलाफ सीबीआई जांच होगी

विशेष संवाददाता-राज्य मुख्यालयप्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंध निदेशक डा. बी.के. यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार,अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आय से अधिक संपत्ति...

यूपी सहकारी चीनी मिल संघ के तत्कालीन एमडी के खिलाफ सीबीआई जांच होगी
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊThu, 23 Nov 2017 06:35 PM
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विशेष संवाददाता-राज्य मुख्यालयप्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ लिमिटेड के तत्कालीन प्रबंध निदेशक डा. बी.के. यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार,अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में सीबीआई जांच करवाने का फैसला किया है। जल्द ही इस संबंध में पत्र सीबीआई को भेज दिया जाएगा।डा. बीके यादव इस वक्त केंद्र सरकार के सहकारिता व किसान कल्याण विभाग में निदेशक के पद पर कार्यरत हैं। डा. यादव 18 दिसम्बर 2013 से 27 मई 2017 तक उ.प्र.सहकारी चीनी मिल संघ लि. के प्रबंध निदेशक के पद पर कार्यरत रहे। उनके कार्यकाल में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे थे।प्रमुख सचिव चीनी उद्योग व गन्ना विकास संजय आर.भूसरेड्डी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस की नीति अपनाई गई है। शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत डा.बीके यादव के कार्यकाल की सीबीआई जांच करवाए जाने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि डा. बी.के.यादव के खिलाफ अनियमितताएं बरतते हुए आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने की शिकायतें मिली थीं। श्री यादव के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिए गन्ना राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेश राणा की सिफारिश पर मुख्यमंत्री ने लखनऊ के मंडलायुक्त अनिल गर्ग को जांच सौंपी थी। मंडलायुक्त द्वारा की गई जांच में श्री यादव के विरुद्ध सहकारी चीनी मिलों और संघ मुख्यालय कार्मिकों के नियम विरुद्ध नियुक्तियां करने के आरोप सही पाए गए। यह भी पाया गया कि पदोन्नतियों व स्थानान्तरण में भी धन उगाही की गई। कार्मिकों के उत्पीड़न व सेवानिवृत्ति से जुड़े भुगतान जैसे लीव इन्कैशमेंट व ग्रेज्यूएटी में भी धन उगाही करने के आरोप सही पाए गए।इसके अलावा उनकी जांच रिपोर्ट में डा. यादव के खिलाफ कनिष्ठ अधिकारियो को प्रभारी के रूप में नियुक्त कर उच्च पदों पर कार्यभार देने, कार्य कराने एवं सहकारी चीनी मिलों के विस्तारीकरण, माडिफिकेशन और सामान की खरीद करने में भ्रष्टाचार व रमाला चीनी मिल बागपत में गबन करने के भी आरोप हैं। इसके अलावा उनके खिलाफ यह भी आरोप है कि उन्होंने चीनी मिलों से अवैध रूप से शीरा व चीनी बेचने के आरोप में उप मुख्य रसायनविद चेतन शर्मा को बिना किसी दण्ड के निपटा दिया गया। यही नहीं उन्हें पदोन्नति दे दी गई। लिहाजा, मंडलायुक्त ने डा. बीके यादव को प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए किसी अन्य निष्पक्ष एजेन्सी से जांच कराने की सिफारिश की गई थी। जिसके फलस्वरूप शासन ने विचार के बाद डा़ बीके यादव के विरुद्ध गंभीर अनियमितताओं व आय से अधिक अर्जित करने की जांच सीबीआई से कराने का निर्णय किया गया है।

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