ऑपरेशन के दौरान नवजात का गला काटने का आरोप, डॉक्टर की पिटाई
जिला महिला अस्पताल में गर्भवती के आपरेशन के दौरान एक नवजात का गला काटकर उसे बाहर निकाला गया। आक्रोशित तीमारदारों ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया और उसकी पिटाई कर दी। इससे गुस्साए...
जिला महिला अस्पताल में गर्भवती के आपरेशन के दौरान एक नवजात का गला काटकर उसे बाहर निकाला गया। आक्रोशित तीमारदारों ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया और उसकी पिटाई कर दी। इससे गुस्साए डाक्टरों ने ओपीडी बंद कर हंगामा काटा।
अस्पताल के जिम्मेदारों का कहना है कि बच्चा गर्भ में ही मर चुका था। बच्चेदानी से उसका सिर बाहर आ गया था। धड़ अंदर था, इसलिए गला काटना पड़ा।
कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के पूरनपुर गांव निवासी सुनील सोनी ने अपनी गर्भवती पत्नी कुसुम सोनी को जिला महिला अस्पताल में प्रसव के लिए मंगलवार की शाम को भर्ती कराया। इमरजेंसी में कार्यरत स्टाफ नर्स व नर्सिंग स्टाफ ने गर्भ में पल रहे बच्चे के उल्टा होने की बात कहकर सीजर से प्रसव कराने की बात कही। अस्पताल में कार्यरत गाइनी सर्जन डॉ. केके भट्ट को बुलवाकर देर रात्रि में गर्भवती का आपरेशन कराया गया। डॉक्टर के अनुसार इसी बीच गर्भ में पल रहे बच्चे का सिर बच्चेदानी से बाहर आ गया और उसका धड़ अंदर ही रह गया। जिस पर प्रसूता को बचाने के लिए नवजात के सिर को काटकर उसे बाहर निकाला गया। सुबह चिकित्सक ने नवजात को कपड़े में लपेटकर परिजनों को पकड़ा दिया।
मृतक नवजात का गला कटा देखकर तीमारदारों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। मौके पर पहुंचे डाक्टर की पिटाई की गई। डॉ.भट्ट ने कहा कि बच्चे का गला बच्चेदानी में फंसा था। अगर गला न काटा गया होता तो गर्भवती की मौत हो सकती थी।
उधर, प्रसूता की मौसी शोभावती व पति सुनील सोनी ने बताया कि गर्भ में पल रहा नवजात अस्पताल आने तक ठीक था। आपरेशन के दौरान डाक्टर की लापरवाही से सिर कटने के कारण उसकी मौत हुई है। मृत शिशु को कपड़े में लपेटकर पकड़ाने के बाद फिर बीएसटी पर जबरन हस्ताक्षर कराया गया।
महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. उर्मिला चौधरी ने बताया कि प्रसव पीड़ा के दौरान गर्भ में पल रहे शिशु का सिर बाहर था और धड़ अंदर ही रह गया था। बच्चे की गर्भ में मौत हो चुकी थी। बिना सिर काटे धड़ निकालना सम्भव नहीं था। इससे प्रसूता की भी जान जा सकती थी।