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राम मंदिर के अलग-अलग पक्षकार दिल्ली हुए रवाना

सुप्रीम कोर्ट में रामजन्मभूमि बनाम बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई की तिथि पांच जुलाई को नियत है। ग्रीष्मावकाश के बाद खुले कोर्ट में सुनवाई के लिए हिन्दू पक्षकार निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत धर्म दास,...

राम मंदिर के अलग-अलग पक्षकार दिल्ली हुए रवाना
हिन्दुस्तान संवाद,अयोध्या। Tue, 03 Jul 2018 07:47 PM
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सुप्रीम कोर्ट में रामजन्मभूमि बनाम बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई की तिथि पांच जुलाई को नियत है। ग्रीष्मावकाश के बाद खुले कोर्ट में सुनवाई के लिए हिन्दू पक्षकार निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत धर्म दास, नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास व अमावां राम मंदिर, रामकोट के व्यवस्थापक व निखिल तीर्थ विकास समिति के सचिव किशोर कुणाल दिल्ली रवाना हो गए हैं।
निर्वाणी अखाड़ा के महंत श्रीदास ने रवाना होने से पहले एक बार फिर रामजन्मभूमि प्रकरण की सुनवाई दिन प्रतिदिन किए जाने की मांग की।
हनुमानगढ़ी स्थित अपने आश्रम में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि विवादित ढांचा प्रकरण में सीबीआई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के ही आदेश से दिन प्रतिदिन सुनवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके चलते सम्बन्धित मामले के अभियुक्तों को प्रतिदिन अदालत में उपस्थित होना पड़ता है। या फिर अपने-अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाजिरी माफी की अर्जी देनी पड़ रही है। अधिकतर अभियुक्त हाजिरी माफी से काम चला रहे हैं। फिर वह बंधन में है।
उन्होंने कहा कि जब एक ही मामले के फौजदारी वाद में प्रतिदिन हो रही है तो फिर दीवानी मामले में प्रतिदिन सुनवाई क्यों नहीं हो सकती? उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि उनका प्रकरण सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्वामित्व का फैसला देने के बाद शुरू होगा। उन्होंने कहा कि 22/23 दिसम्बर 1949 को रामलला के प्राकट्य के बाद प्रशासनिक आदेश से विवादित स्थल को सीआरपीसी की धारा 145 के अन्तर्गत कुर्क कर लिया गया था। इसके बाद यहां रिसीवर के रूप में बाबू रामप्रियादत्त नियुक्त किया गया।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन रिसीवर ने विवादित स्थल का चार्ज उनके गुरु बाबा अभिराम दास से ही प्राप्त किया था। उन्होंने कहा कि रिसीवर वर्तमान में भी नियुक्त हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रिसीवर किसे चार्ज सौंपेंगे, यह विषय महत्वपूर्ण हो जाएगा।
उधर, पूर्व आईपीएस अधिकारी श्रीकुणाल ने बताया कि वह रामजन्मभूमि में ताला खुलवाने की अर्जी देने वाले अधिवक्ता उमेश पाण्डेय के मुकदमे के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में रामलला का पक्ष रखेंगे। उन्होंने इसकी तैयारी भी कर ली है और रामजन्मभूमि पर रामलला के स्वामित्व के सारे साक्ष्य भी संकलित कर पुस्तक का स्वरुप दिया है। इस पुस्तक का शीर्षक ‘ट्रूथ अनर्थटेड’ है।
उन्होंने बताया कि यह पुस्तक वह अदालत को सौंपेंगे। उन्होंने यह जानकारी भी दी कि सुप्रीम कोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश जस्टिस वेंकट चेलैया ने इस पुस्तक की प्रस्तावना लिखने का अनुरोध स्वीकार कर लिया है। इसी के बाद पुस्तक का प्रकाशन भी कराया जाएगा। इस बीच नाका हनुमानगढ़ी के महंत श्रीदास ने भी दिन प्रतिदिन सुनवाई की मांग की है।

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