कोरोना पॉजिटिव कर्मी को इलाज न मिलने पर बंदी की चेतावनी
नगर निगम कर्मचारी संगठन में आक्रोश कोरोना पॉजिटिव कर्मी को इलाज न मिलने पर बंदी की...
नगर निगम कर्मचारी संगठन में आक्रोशलखनऊ। प्रमुख संवाददाताकोरोना योद्धा के रूप में शहर के लोगों की जान की सुरक्षा में जुटे नगर निगम कर्मचारियों की जान पर जब संकट आया तो न नगर निगम प्रशासन साथ खड़ा है और न जिला प्रशासन। नगर निगम कर्मचारी घर पर ही तड़प रहा है। भर्ती कराने के लिए गुहार लगा रहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस लापरवाही पर नगर निगम कर्मचारी संगठन में आक्रोश है। संगठन ने नगर निगम में पूर्ण बंदी की चेतावनी दी है।नगर निगम जोन पांच में कार्यरत एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का स्वास्थ्य पिछले कई दिनों से खराब चल रहा था। 18 जुलाई को उसने कोरोना की जांच कराई। रविवार को सुबह ही उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। उसे बुखार के साथ सांस लेने में दिक्कत हो रही है। नगर निगम के अधिकारियों से उसने स्थिति बताई। सीएमओ के कंट्रोल रूम में सूचना दी। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वह घर में ही क्वारंटीन है। लेकिन कोई इलाज नहीं मिल रहा है। उसके परिवार के सदस्य भी दहशत में हैं। नगर निगम कर्मचारी संगठन को जानकारी हुई तो नगर निगम प्रसाशन से भर्ती कराने की गुहार लगाई गई। बीते लगभग 36 घंटे से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है लेकिन कर्मचारी को भर्ती कराने की कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है।कोरोना मरीज को लेकर अफसरों की इस लापरवाही पर नगर निगम कर्मचारी आक्रोशित हैं। नगर निगम एवं जल कल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र ने कहा कि यह लापरवाही बर्दाश्त नहीं है। कर्मचारी को शीघ्र भर्ती नहीं किया तो नगर निगम में पूर्ण बंदी के लिए बाध्य होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नगर निगम के अब तक 20-25 कर्मचारी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। कर्मचारियों मे दहशत का माहौल है। कर्मचारियों को समय से उपचार व भर्ती की व्यवस्था न किया जाना नन्दनीय है।