मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत सुनने में ढीले बिजली, कृषि और वन विभाग
लखनऊ प्रमुख संवाददाता
लखनऊ प्रमुख संवाददाता
आईजीआरएस यानी मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज शिकायतों को सुनने और निदान करने में ढीले विभागों के अफसरों को चेतावनी दी गई है। कमिश्नर ने मंडल स्तर पर लखनऊ, हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर और उन्नाव जिलों में आने वाली शिकायतों की समीक्षा की। इस दौरान बिजली, कृषि, वन, खाद्य एवं रसद और पशुपालन विभाग की शिकायतें सबसे अधिक मिलीं। इन शिकायतों का समय रहते समाधान नहीं किया गया।
कमिश्नर अनिल गर्ग की अध्यक्षता में गुरुवार को आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन में आई शिकायतों की समीक्षा हुई। इस दौरान उन्होंने संबंधित जिलों और विभागों के अफसरों को निर्देश दिया कि समय से निस्तारण नहीं हुआ तो प्रत्येक अफसर की जवाबदेही तय होगी। साथ ही उन पर कार्रवाई भी की जाएगी। संबंधित अफसरों को 28 अगस्त तक सभी शिकायतों का निस्तारण करने का समय दिया गया है। बैठक में अपर आयुक्त प्रशासन रण विजय यादव, अपर आयुक्त न्यायिक शीलधर यादव और लखनऊ के एडीएम एफआर अवनीश सक्सेना भी मौजूद थे।
रोजाना जिला स्तर पर समीक्षा होगी
सीएम हेल्पलाइन और आईजीआरएस में आने वाली शिकायतों की रोजाना डीएम समीक्षा करेंगे। कमिश्नर ने निर्देश दिया कि प्रत्येक जिले में एडीएम को इसके लिए नोडल अधिकारी बनाया जाएगा। एक सप्ताह में एक बार मंडल स्तर पर शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा की जाएगी।
निस्तारित हुए मामलों का होगा सत्यापन
सिर्फ कागजों में शिकायतों का निपटारा नहीं चल पाएगा। कमिश्नर ने गुरुवार की बैठक में यह साफ कर दिया कि जिन शिकायतों का निस्तारण हो रहा है उनमें से कुछ को चुन कर अफसरों की एक टीम सत्यापन करेगी। पता लगाएगी कि शिकायतकर्ता संतुष्ट है या नहीं। यदि हकीकत में निस्तारण नहीं हुआ तो जिम्मेदार अफसर पर कार्रवाई की जाएगी।