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15 हजार बेरोजगार फार्मासिस्टों का पंजीकरण व रिनुअल अटका

Lucknow News - संकट -यूपी फार्मेसी काउंसिल में डिग्री व डिप्लोमा होल्डरों का रजिस्ट्रेशन में लेटलतीफी -बिना पंजीकरण

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊTue, 18 March 2025 05:01 AM
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15 हजार बेरोजगार फार्मासिस्टों का पंजीकरण व रिनुअल अटका

संकट -यूपी फार्मेसी काउंसिल में डिग्री व डिप्लोमा होल्डरों का रजिस्ट्रेशन में लेटलतीफी

-बिना पंजीकरण के न मेडिकल स्टोर चला सकते हैं और न नौकरी के योग्य

लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता।

उप्र फार्मेसी काउंसिल बेरोजगार फार्मासिस्टों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। पंजीकरण व रिनुअल के नाम पर बेरोजगारों को दौड़ाया जा रहा है। हालात यह हैं कि आवेदन के पांच से छह माह बाद भी कांउसिल में फार्मासिस्टों का पंजीकरण नहीं हो रहा है। नतीजतन प्रशिक्षित फार्मासिस्ट न तो मेडिकल स्टोर खोल पा रहे हैं न ही सरकारी मेडिकल संस्थानों में आवेदन।

सरकारी नौकरी के लिए नहीं कर पा रहे आवेदन

राजधानी में लेखराज भवन में उप्र फार्मेसी काउंसिल का कार्यालय है। इसमें प्रदेश भर के डिप्लोमा व डिग्रीधारी फार्मासिस्टों का पंजीकरण होता है। बिना पंजीकरण फार्मासिस्ट मेडिकल स्टोर नहीं खोल सकते हैं। सरकारी व प्राइवेट संस्थानों की भर्ती में आवेदन भी नहीं कर सकते हैं। जबकि प्रदेश के कई मेडिकल संस्थानों में फार्मासिस्टों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं। पंजीकरण के आधार पर फार्मासिस्टों की वरिष्ठता भी तय होती है। जो स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में भर्ती के लिए अहम है।

पंजीकरण व रिनुअल की व्यवस्था ध्वस्त

काउंसिल में पंजीकरण व उसके रिनुअल की प्रक्रिया पूरी तरह से ध्वस्त है। अधिकारी व कर्मचारी पंजीकरण में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। यही वजह है कि करीब 10 हजार से ज्यादा पंजीकरण अटके हैं। आवेदन के बावजूद पांच हजार से ज्यादा रिनुअल भी नहीं हो पा रहे हैं। आवेदकों का आरोप है कि फीस व शैक्षिक दस्तावेज जमा करने के पांच से छह माह बीतने के बाद भी पंजीकरण नहीं हो पा रहा है।

काउंसिल का नहीं हुआ गठन

काउंसिल के पूर्व कुलसचिव शिवाजी गुप्ता ने 27 फरवरी को स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रतन पाल सिंह सुमन से लिखित शिकायत की। जिसमें पंजीकरण के रिनुअल संबंधी शिकायत की। वहीं दूसरी तरफ काउंसिल के संचालन के लिए पांच सदस्यों का चयन हुआ। इसके बावजूद अभी तक काउंसिल का गठन तक नहीं हो पाया। इस संबंध में निदेशक पैरामेडिकल डॉ. रंजना खरे से बात करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

वर्जन

फार्मासिस्टों के पंजीकरण व रिनुअल जल्द से जल्द करने के निर्देश निदेशक पैरामेडिकल डॉ. रंजना खरे को दिए जा चुके हैं। इसमें किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए। जल्द ही पूरे मामले को दिखवाया जाएगा।

डॉ. रतन पाल सिंह सुमन, महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं

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