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फैजुल्लागंज में बंधा रोड पर युवक को दौड़ा कर लाठी से पीट-पीट कर मार डाला

सरेआम चार युवकों ने युवक को खूब पीटा, बचाने के लिये चिल्लाता रहा पर कोई मदद को नहीं दौड़ामड़ियांव थाने में लिखा गया हत्या का मुकदमा, पुरानी रंजिश में हुई घटनादुस्साहसलखनऊ। प्रमुख संवाददाताफैजुल्लागंज...

फैजुल्लागंज में बंधा रोड पर युवक को दौड़ा कर लाठी से पीट-पीट कर मार डाला
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊSun, 30 Jul 2017 07:30 PM
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सरेआम चार युवकों ने युवक को खूब पीटा, बचाने के लिये चिल्लाता रहा पर कोई मदद को नहीं दौड़ामड़ियांव थाने में लिखा गया हत्या का मुकदमा, पुरानी रंजिश में हुई घटनादुस्साहसलखनऊ। प्रमुख संवाददाताफैजुल्लागंज में बंधा रोड पर रविवार सुबह चार लड़कों ने बाइक से जा रहे शुभम मिश्र (18) को खूब पीटा, फिर उसे दौड़ा कर लाठी-डण्डों से पीट-पीट कर मार डाला। सरेआम हुई इस वारदात के समय शुभम बचने के लिये चीखता रहा लेकिन कोई राहगीर मदद के लिये साहस नहीं जुटा सका। हमलावर भीड़ के बीच से ही भाग निकले। स्थानीय लोग उसे ट्रॉमा सेन्टर ले गये थे जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। इस घटना के विरोध में वहां पर दर्जनों लोग बाद में जुटे। मौके पर पहुंची अलीगंज और मड़ियांव पुलिस सीमा विवाद में जुट गई पर बाद में मड़ियांव थाने में चार लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा लिखा गया। सीतापुर के नेवराजपुर निवासी शुभम मिश्र अपनी मां इन्द्रेशी व बड़े भाई राहुल के साथ फैजुल्लागंज में अंकित पाण्डेय के मकान में किराये पर रहता था। उसके पिता की मौत हो चुकी है। शुभम बड़ी पकरिया में छोटे गैस सिलेण्डर की सप्लाई का काम करता था। मां बिन्देश्वरी के मुताबिक सुबह करीब सात बजे वह घर से बाइक से निकला। फैजुल्लागंज ढाल के पास ही उसे चार लड़कों ने रोक लिया। इन लोगों ने उसे पीटना शुरू कर दिया।दौड़ा कर मार डालाप्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शुभम इन लोगों से बचने के लिये भागा तो वह लाठी-डण्डा लेकर उसके पीछे दौड़ पड़े। फिल्मी अंदाज में बंधा रोड पर सबके बीच हमलावरों ने शुभम को लाठी से पीट-पीट कर लहूलुहान कर दिया। उसके मरणासन्न हो जाने पर हमलावर राहगीरों को धमकाते हुये भाग निकले। इस घटना से कुछ देर के लिये लोग दहशत में आ गये। घटना की खबर मिलते ही शुभम की मां व आस पास के लोग मौके पर पहुंचे। पार्षद मुन्ना मिश्र, कुमकुम राजपूत समेत कई अन्य लोग वहां पहुंच गये और मदद शुरू की। शुभम को ट्रॉमा सेन्टर ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। सीमा विवाद में उलझ गई पुलिसबंधा रोड अलीगंज और मड़ियांव सीमा के बीच स्थित है। यही वजह रही कि इस घटना की सूचना पर अलीगंज और मड़ियांव थाने की पुलिस वहां पहुंच गई। घटनास्थल को लेकर दोनों थानों के पुलिसकर्मियों में विवाद भी हुआ। पर, बाद में मड़ियांव पुलिस ने एफआईआर लिखी। शुभम के भाई उमेश ने धनेश, राजापूत उर्फ अप्पू, गोलू और अनुज को नामजद कराया है। सीसी फुटेज में दिखे कुछ लड़केजिस जगह पर घटना हुई, वहीं पर एक मार्बल्स की दुकान है। इस दुकान में सीसी कैमरे लगे हुये हैं। मड़ियांव इंस्पेक्टर राघवन सिंह ने बताया कि फुटेज में कुछ लड़के दिखाई पड़े हैं। इसमें दो लड़के बदहवाश से दौड़ रहे हैं। इनकी फोटो बनवायी जा रही है। इसके अलावा एक टीम शुभम के घर के आस-पास गई तो धनेश, राजापूत और गोलू के बारे में पता चला लेकिन अनुज के बारे में कोई कुछ नहीं बता सका। वहीं शुभम के भाई राहुल ने बताया कि अनुज उनके मकान मालिक का परिचित है। हालांकि, अंकित ने इस बारे में कुछ नहीं बताया।भण्डारा में गाड़ी खड़ी करने को लेकर हुआ था झगड़ाशुभम के घर वालों ने बताया कि दो महीने पहले गांव में भण्डारे में गाड़ी खड़ी करने को लेकर हमलावरों से उसका झगड़ा हुआ था। इसको लेकर तनातनी कई दिनों तक चली थी। कुछ समय पहले भी शुभम और धनेश व राजापूत से झगड़ा हुआ था। माना जा रहा है कि इन बातों को लेकर ही रविवार को फिर झगड़ा हुआ। वहीं शुभम की मां ने बताया कि सुबह एक लड़का आया था। इस लड़के ने शुभम को पूछा तो उन्होंने कहा कि कुछ देर में ही निकलने वाला है। इस पर वह चला गया था। वहीं राहुल ने बताया कि शुभम को सुबह एक लड़के ने कॉल कर बुलाया था। पुलिस इन बातों पर भी पड़ताल कर रही है।...........................................................................................वह पिटता रहा, लोग देखते रहेकाश, कोई मदद के लिये दौड़ा होता18 साल का शुभम। बंधा रोड पर अपनी जिन्दगी बचाने के लिये दबंगों से बचने के लिये दौड़ा। सब उसे लाठी-डण्डों से पीट रहे थे। वह उनके बीच असहाय सा खुद को बचाने के लिये गिरता-पड़ता भागता रहा। बीच-बीच में वह मदद के लिये राहगीरों से चिल्लाता रहा। हर कोई उसकी चीख सुन रहा था लेकिन किसी में इतनी हिम्मत नहीं हुई कि उसकी मदद करे। ठेला दुकानदार मंजीत ने कहा कि लड़के उसे घेर कर डण्डे से पीट रहे थे। उसके सिर से खून बह रहा था। फिर भी हमलावर उसे पीटे जा रहे थे। वहीं से गुजर रही रिया ने कहा कि वह रुकी लेकिन वहां मौजूद लोगों ने उन्हें तुरन्त ही वहां से जाने के लिये कह दिया। घटना के बाद वहां पहुंचे कई लोगों ने कहा कि अरे, किसी को तो हिम्मत दिखानी चाहिये थी। सब आये और अपनी तरफ से कई तरह की बहादुरी की व्याख्या कर चले गये। पर, जब घटना हो रही थी तो सब चुप रहे थे। रिटायर बैंक अधिकारी यूसी अग्रवाल का कहना है कि हमलावरों के हाथ में बंदूक होती तो समझ में आता है कि लोग आगे नहीं बढ़े। पर, अगर तीन-चार लोग मिलकर किसी लड़के को इस तरह से पीट रहे थे तो किसी न किसी को हिम्मत दिखाकर आगे बढ़ना चाहिये था। अगर किसी ने पहल कर दी थी तो कई और लोग मदद को आ जाते। इससे उस बच्चे की जान बच जाती।

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