बुखार से ठीक हुए लेकिन चेहरे पर पड़े काले धब्बे और त्वचा में रैशेज
इस बार बुखार की जद में आए लोग कई तरह की दिक्कतों से जूझ रहे हैं। यह बुखार से ठीक हो गए, लेकिन जोड़ों में दर्द के साथ नाक, चेहरे पर काले धब्बे और...
इस बार बुखार की जद में आए लोग कई तरह की दिक्कतों से जूझ रहे हैं। यह बुखार से ठीक हो गए, लेकिन जोड़ों में दर्द के साथ नाक, चेहरे पर काले धब्बे और त्वचा पर रैशेजे ने नई मुसीबत खड़ी कर दी है। यह लोग त्वचा रोग विशेषज्ञों के पास पहुंच रहे हैं। पीजीआई, केजीएमयू, लोहिया संस्थान, बलरामपुर, सिविल और लोक बंधु समेत दूसरे अस्पतालों की ओपीडी में त्वचा रोग विशेषज्ञ और फिजीशिय की ओपीडी में 100 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं।
एक फीसदी में होता है संक्रमण
बलरामपुर अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. एमएच उस्मानी का कहना है कि डेंगू, चिकनगुनिया, वायरल फीवर, टायफाइड के करीब एक फीसदी मरीजों में यह संक्रमण होता है। संक्रमण की वजह से ही चेहरे पर काले धब्बे और त्वचा पर रैशेज पड़ जाते हैं। इस बार बुखार से ज्यादा लोग पीड़ित हुए हैं। ओपीडी में रोजाना करीब पांच मरीज आ रहे हैं। डॉ. उस्मानी ने बताया कि दो से तीन माह में यह धब्बे ठीक हो जाते हैं।
चिकनगुनिया मरीजों में होती है यह समस्या
केजीएमयू के त्चचा रोग की प्रमुख डॉ. स्वास्तिका ने बताया कि चिकनगुनिया से चेहरे, हाथ और पैर पर काले धब्बे या रैशेज पड़ते हैं। ओपीडी में दो से चार मरीज आ रहे हैं। दो से चार सप्ताह बाद यह लक्षण देखने को मिलते हैं। इसका इलाज दवाओं से संभव है।
बुखार के बाद पड़ गए काले धब्बे
बलरामपुर अस्पताल के फिजीशियन डॉ. नरेन्द्र देव का कहना है कि हर ओपीडी में 20 से 25 मरीज बुखार के बाद चेहरे पर काले धब्बे की समस्या लेकर आ रहे हैं। मरीजों ने स्क्रीनिंग में बताया कि बुखार के बाद से यह धब्बे और रैशेज पड़ गए। जबकि इससे पहले यह समस्या नहीं हुई।
यह हैं कारण
त्वचा पर मेलानोसाइट्स कोशिकाएं होती हैं। त्वचा पर पड़ने वाले धब्बे और कुछ हिस्से की त्वचा अन्य से गहरी हो जाती है। यह कोशिकाएं विटामिन डी का ही एक रूप हैं। इसकी कमी से नाक, चेहरे पर काले धब्बे आदि की समस्या हो जाती है।