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अयोध्या में हुआ कोरिया और भारत की संस्कृति का मिलाप

अयोध्या में जन्मी कोरिया की महारानी हो के स्मारक पर भारत और कोरिया के सांस्कृतिक विरासत के अद्भुत मिलाप देखने को मिला। 26 सदस्यीय कोरियाई दल अयोध्या में अपनी महारानी हो के स्मारक की 18वीं सालगिरह...

अयोध्या में हुआ कोरिया और भारत की संस्कृति का मिलाप
हिंदुस्तान संवाद,अयोध्या (फैजाबाद)।Thu, 07 Mar 2019 03:15 PM
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अयोध्या में जन्मी कोरिया की महारानी हो के स्मारक पर भारत और कोरिया के सांस्कृतिक विरासत के अद्भुत मिलाप देखने को मिला। 26 सदस्यीय कोरियाई दल अयोध्या में अपनी महारानी हो के स्मारक की 18वीं सालगिरह मनाने पंहुचा। कोरिया का करक वंश अयोध्या को अपना ननिहाल मानता है। भारत और दक्षिण कोरिया के सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत व उनके स्मारक के विकास के लिए भारत और कोरिया नई गाथा लिख रहा है।
टेक्नोलॉजी में अग्रणी दक्षिण कोरिया की संस्कृति भारत से प्रभावित है। धर्म नगरी अयोध्या से कोरिया के गहरे सम्बन्ध है। माना जाता है कि दो हजार वर्ष पूर्व अयोध्या की राजकुमारी समुद्र के रास्ते कोरिया पहुची और कोरिया के करक राजवंश के राजकुमार किम सुरों से विवाह किया। विवाह के बाद अयोध्या की राजकुमारी हो के नाम से प्रसिद्धि हुईं। डेढ़ दशक पूर्व कोरिया ने भारत से संपर्क करते हुए अपने प्राचीनतम इतिहास का जिक्र किया और अयोध्या से रिश्ते होने की बात कही। कोरिया से अयोध्या सन 2000 में एक दल आया और अयोध्या के नए घाट के समीप एक स्मारक का निर्माण किया।  तभी से प्रति वर्ष कोरियाई दल भारत अयोध्या आता है और उत्साह के साथ कोरिया संस्कृति और नृत्य कला प्रदर्शन के साथ विशिष्ठ पूजन विधि के साथ अपनी पूर्वज महारानी हो को याद करता है। 

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