नागरिक उड्डयन उपनिदेशक के खिलाफ एफआईआर दर्ज
आईएएस के जाली हस्ताक्षर बना तैयार किया गया था बर्खास्तगी लैटर
आईएएस के जाली हस्ताक्षर बना तैयार किया गया था बर्खास्तगी लैटर
लखनऊ। निज संवाददाता
नागरिक उड्डयन विभाग कानपुर में तैनात कर्मचारी को बिना कारण के जाली दस्तावेज तैयार कर नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। षडयंत्र में विभाग के उपनिदेशक की भूमिका उजागर हुई। अधिकारी की हरकत का पता चलने पर पीड़ित कर्मचारी ने सरोजनीनगर थाने में उपनिदेशक व उसके सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
सेक्टर-एफ एलडीए कॉलोनी निवासी देवेन्द्र कुमार दीक्षित उड़ान प्रशिक्षण संस्थान कानपुर में तैनात थे। वर्ष 2002 में उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। जारी हुए बर्खास्तगी आदेश पर महानिदेशक प्रदीप कुमार के हस्ताक्षर थे। देवेन्द्र ने इस आदेश को कोर्ट में चुनौती दी। उनके मुताबिक तत्कालीन वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उड्डयन नुजहत अली ने जवाब में दाखिल कर बताया कि आदेश प्रदीप कुमार ने नहीं बल्कि आईएएस प्रदीप शुक्ला ने जारी किया है। देवेन्द्र ने बताया कि नियुक्ति विभाग से आरटीआई डाल कर महानिदेशक के पद पर तैनात रहे लोगों के बारे में जानकारी मांगी गई। जिसके जवाब में उन्हें बताया कि 4 दिसंबर 2002 को जारी हुए आदेश के वक्त महानिदेशक उड्डयन विभाग के पद पर प्रदीप कुमार व प्रदीप शुक्ला तैनात नहीं थे। ऐसे में बर्खास्तगी आदेश जारी करने का सवाल ही नहीं उठता। देवेन्द्र ने आरोप लगाया कि उपनिदेशक नुजहत अली ने साथियों के साथ षडयंत्र रच कर उन्हें नौकरी से बाहर कराया। नुजहत के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर सरोजनीनगर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।