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फजीहत के बाद नाइट क्लब की खिलाफत में उतरे साक्षी महाराज

- मीडिया द्वारा रेस्त्रां के नाइट क्लब होने का पता चलने पर दी धोखाधड़ी की...

फजीहत के बाद नाइट क्लब की खिलाफत में उतरे साक्षी महाराज
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊMon, 16 Apr 2018 09:15 PM
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- एसएसपी को भेजा प्रार्थना पत्र, कहा.. आयोजकों ने तथ्य छुपाकर कराया उद्घाटन - मीडिया द्वारा रेस्त्रां के नाइट क्लब होने का पता चलने पर दी धोखाधड़ी की तहरीर लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता अलीगंज में नाइट क्लब का उद्घाटन करके विवादों में घिरे सांसद साक्षी महाराज अब उसी क्लब की खिलाफत में उतर आए हैं। सोशल मीडिया पर नाइट क्लब के उद्घाटन की तस्वीरें वायरल होने से सांसद की काफी फजीहत हुई थी। साक्षी महाराज ने एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार को प्रार्थना पत्र भेजकर नाइट क्लब के मालिकों के खिलाफ विधिक कार्रवाई करने की मांग की है। सांसद का कहना है कि आयोजकों ने उन्हें रेस्त्रां बताकर नाइट क्लब का उद्घाटना करवाया जिससे उनकी छवि खराब हुई है। उन्नाव से सांसद डॉ. स्वामी साक्षी महाराज ने प्रार्थना पत्र में कहा है कि उन्होंने 15 अप्रैल को अलीगंज इलाके में एक रेस्त्रां का उद्घाटन किया था। इसके लिए कथित रेस्त्रां के मालिक सुमित सिंह और अमित गुप्ता ने उन्नाव निवासी उनके परिचित रज्जन सिंह चौहान से संपर्क किया था। मालिकों ने रज्जन सिंह से आग्रह किया था कि उनके रेस्त्रां का उद्घाटन सांसद साक्षी महाराज द्वारा करवा दीजिए। सांसद ने बताया कि रज्जन सिंह के कहने पर उन्होंने रविवार को अलीगंज पहुंच कर रेस्त्रां का उद्घाटन किया। जल्दबाजी में नहीं जान पाए हकीकत सांसद साक्षी महाराज ने बताया कि इस दौरान वह बहुत जल्दी में थे क्योंकि उन्हें दिल्ली के लिए फ्लाइट पकड़नी थी। लिहाजा वह आयोजन स्थल पर दो से तीन मिनट ही रुके और फीता काटकर एयरपोर्ट चले गए थे। बाद में मीडिया के जरिए उन्हें पता चला कि वह रेस्त्रां नहीं बल्कि नाइट क्लब है जहां हुक्का और शराब परोसी जाएगी। सांसद ने बताया कि यह बात प्रकाश में आने पर उन्होंने रेस्त्रां मालिक से बार का लाइसेंस प्रस्तुत करने को कहा, जो वह नहीं दिखा सका। सांसद का कहना है कि इससे साफ है कि कथित रेस्त्रां अनाधिकृत रूप से चलाया जा रहा है। उन्होंने एसएसपी को दिए पत्र में कहा है कि इस प्रकरण से उनकी छवि को काफी नुकसान पहुंचा है जिससे वह आहत हैं। उन्होंने एसएसपी से तथा कथित रेस्त्रां की जांच कराकर गलत पाये जाने पर उसे बंद कराने की मांग की है। इसके अलावा दोषियों पर धोखाधड़ी के तहत दंडात्मक कार्रवाई करने को कहा है। वर्जन सांसद महोदय का प्रार्थना पत्र अभी नहीं मिला है। पत्र मिलने पर इसे जिला प्रशासन व आबकारी विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में लाया जाएगा। विभाग द्वारा जांच के बाद विधिक कार्रवाई की जाएगी। दीपक कुमार एसएसपी, लखनऊ

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