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सिविल में दवाओं की चोरी करने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने मांगी आख्या

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सिविल में दवाओं की चोरी करने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने मांगी आख्या
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊWed, 12 Jun 2019 07:38 PM
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- सिविल अस्पताल के फार्मासिस्ट के खिलाफ हुई जांच की आख्या मंत्री ने मांगी - आरोपितों के खिलाफ मंत्री से की गई शिकायत, डीजी स्वास्थ्य ने पूरी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए लखनऊ। निज संवाददाता सिविल अस्पताल में दवाओं की चोरी मामले को स्वास्थ्य मंत्री ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने आपके अपने लोकप्रिय हिन्दुस्तान समाचार पत्र में दो मई को प्रकाशित खबर और लोगों की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए तुरंत ही आख्या मांगी है। इस संबंध में महानिदेशक स्वास्थ्य की ओर से एक पत्र जारी कर तुरंत पूरी जांच और रिपोर्ट देने के निर्देश संबंधित मातहतों को दिए हैं। वहीं, दवा और इंजेक्शन चोरी के मामले में सिविल अस्पताल के अफसरों की मिलीभगत की भी मंत्री से शिकायत हुई है। 15 दिन में साक्ष्य सहित रिपोर्ट देने के निर्देश सिविल अस्पताल में काफी समय से दवा काउंटर, स्टोर से लेकर इमरजेंसी तक से दर्द और नशे के इंजेक्शन, दवाएं चोरी करके बाहर बेचे जाने के मामले प्रकाश में आ चुके हैं। अस्पताल के कर्मचारियों और फार्मासिस्टों की करतूत को हिन्दुस्तान समाचार पत्र में लगातार साक्ष्यों से सहित प्रकाशित किया गया। इसको स्वास्थ्य मंत्री ने संज्ञान लेकर तुरंत ही पूरी रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. पद्माकर सिंह ने मंडलीय अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण लखनऊ मंडल को पत्र भेजकर मामले की जांच और पूरी आख्या देने के निर्देश दिए हैं। डीजी ने 15 दिन के भीतर जांच आख्या सभी साक्ष्यों के आधार पर 15 दिन के भीतर देने को कहा है। सिविल के अफसरों की मिलीभगत अस्पताल से दवाओं को चोरी करके बाहर बेचे जाने के मामले में कुछ आला अफसर भी मिले हुए हैं। कई पीड़ितों ने इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री से लेकर शासन स्तर के आला अफसरों से की है। इमरजेंसी से नशे का इंजेक्शन चोरी करके 100 से 200 रुपए में बाहर युवाओं को बेचने के गंभीर मामले की शिकायत के बाद अफसरों ने संविदा कर्मचारी को नौकरी से हटा दिया। पर, इस मामले में लिप्त फार्मासिस्ट व अन्य मातहतों पर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की और मामले की फाइल को संविदा कर्मचारी को हटाकर ही बंद कर दिया है। वहीं, अस्पताल में चोरी की दवा के साथ पकड़े गए प्रशिक्षु फार्मासिस्टों व युवकों को हटा दिया गया। पर, इस मामले में लिप्त दवा काउंटर पर तैनात व स्टोर के फार्मासिस्टों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की।

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